STORYMIRROR

Rohit Verma

Abstract Tragedy

4  

Rohit Verma

Abstract Tragedy

चौहान की गजब ज़िन्दगी

चौहान की गजब ज़िन्दगी

2 mins
333

ये कहानी चौहान के ऊपर आधारित है जो एक लड़की के प्रेम मे डूबा हुआ था इतफाक ये भी था कि वह लड़की भी चौहान के प्रेम में डूबी हुई थी.

चौहान जो बेरोजगार लड़का था और रिना कामकाजी लड़की थी . अब विवाद की बात यह थी चौहान कुछ करता नहीं था इसलिए शादी होना असम्भव सा हो गया था. चौहान के घर वाले राजी थे शादी के लिए क्योंकि चौहान के पिताजी चौहान को बहुत सहायता करते थे रिना के घर वाले भी राजी थे क्योंकि रिया की ख़ुशी से बढ़कर कुछ नहीं था।

लेकिन एक विवाद ओर आ गया चौहान को एक ओर लड़की पसंद करती थी वह भी कामकाजी लड़की थी . चौहान ने दोनों लड़की से पूछा अगर तुम लड़कियों को दो शादी करने मे दिक्कत नही तो कर सकते हो . दोनो लड़कियों ने बोला - हम तुमको पाना चाहते हैं खोना नहीं कोई नहीं . हम दोनो रह लेंगे तुम्हारे साथ . लेकिन लड़की के घर वाले तैयार नहीं ओर बोले तुमने किसी एक से दूरी बना ली तो .

चौहान बोला - आपको दूरी देखनी है या बच्चो की ख़ुशी. बस दोनो की चौहान से शादी हो गई थोड़ा समय वह पहली बीवी को देता ओर थोड़ा समय दूसरी बीवी को देता . लेकिन एक लफ़ड़ा ओर हो गया चौहान की लाइफ मे तीसरी लड़की आ गई .

ओर वह भी कामकाजी . तो दोनों पत्नि को पता चलता ओर बोलती पहले से ही दो पत्नि तुमको कहां मिल गई अब दो पत्नि ओर तीसरी लड़की में बहस छिड़ गई. चौहान बोला - तुम चिन्ता मत करो सब ठीक हो जायेगा चौहान ने तीसरी लड़की से भी शादी कर ली . चौहान तीनो को थोड़ा - थोड़ा समय देने लगा।

चौहान को तीनों पत्नि से एक एक बच्चे हो गए. 

चौहान के बच्चे बड़े हुए पूछने लगे पिताजी आपकी तीन पत्नि है तब भी कैसे हस्ते हुए जी लेते हो।

चौहान बोला - बेटा जब गुलाब एक हो लेने वालो की लाइन खड़ी हो तब पंखुड़ियां बाँटने मे ही भलाई है।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract