चार लोगों का किस्सा
चार लोगों का किस्सा
मैं और वो सालों से पड़ोसी थे । शायद हम दोनो का जन्म ही पड़ोस में हुए हो । सालों तक पड़ोस में रहने के कारण संभव है की एक दूसरे के सहयोगी भी रहे हों ।
काफी पुरानी बात है शायद 20 या उससे भी अधिक साल गुजर गए होंगे, अच्छी तरह याद नहीं आ रहा परंतु स्कूल बंद थे और छुट्टी चल रही थी । उसे बगीचे से फल तोड़ने जाना था और चोरी जुर्म है मैने उसे समझने की कोशिश की थी परंतु उसकी पर्सनल लाइफ थी लिहाजा मेरे कहने या ना कहने का कोई अंतर नहीं पड़ा ।
कॉलेज में भी मैं बस चार लोगों में था जिनके कहे या समझाए का कोई फरक नहीं पड़ना था क्योंकि उसकी पर्सनल लाइफ थी ।
उसने ब्वॉयफ्रेंड चुना अपनी इच्छा से आखिर उसकी पर्सनल लाइफ थी । उसने ब्वॉयफ्रेंड के साथ होटल में सेक्स किया मैं और चार लोग क्या कह सकते थे आखिर उसकी अपनी लाइफ थी ।
उसने नौकरी की तलाश में भटकते ब्वॉयफ्रेंड को छोड़ कर अमीर बिजनेसमैन से शादी का फैसला किया , मेरे साथ साथ चार लोगों को चुप करवा दिया गया आखिर उसकी पर्सनल लाइफ थी ।
उसने ब्वॉयफ्रेंड पर कोकाकोला पिलाकर इज्जत लूटने का मामला दर्ज करवाया तब भी मैं उसकी पर्सनल लाइफ में क्या बोलता । चार लोगों को भी चुप करवा दिया गया आखिर चार लोग कौन होते है बोलने वाले ।
बहुत कुछ हुआ और चार लोगों को डांट कर चुप करवा दिया गया ।
आखिर चार लोगों ने बोलना ही बंद कर दिया आखिर चार लोग उसकी पर्सनल लाइफ से अलग हो चुके थे । मैं भी चार लोगों के साथ चुप हो गया । अब ना मैं और ना चार लोग उसे समझाते , बस उसे जो करना था उसे करने देते ।
आखिरकार ब्वॉयफ्रेंड सजा काट कर वापिस आ गया और अब वो बदला लेने पर तुला हुआ था । एक दिन ब्वॉयफ्रेंड ने उसे बाजार के बीचों बीच रोक लिया ।
मैं उसकी पर्सनल लाइफ से अलग हो चुके थे और चार लोग भी । परंतु अब वो अपनी पर्सनल लाइफ को पब्लिक बनाने पर तुली थी और चिल्ला चिल्ला कर चार लोगों को ललकार रही थी उसकी पर्सनल लाइफ में दखल देने के लिए ।
लेकिन अब तक चार लोग चुप रहना सीख चुके थे । और मैं , मैं तो चार लोगों से भी दो कदम आगे था । अब उसे अपनी समस्याएं खुद समझनी और हल करनी थी । बस वो इस बात को समझने को तैयार नहीं थी वो अब भी मुझे ललकार रही थी ।
और चार लोग ….. वो भी किसी की पर्सनल समस्या से लगभल अलग हो ही चुके है ।