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यात्रा - वैश्या

यात्रा - वैश्या

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यात्रा के आखिरी दौर में जब राजस्थान से दिल्ली की तरफ जाने का इरादा बनाया तो एक चेहरा सामने आ गया । एक ऐसा चेहरा जिसे देखे कई बरस शायद 15 या 16 साल गुजर गए है ।

वैसे तो वो रिश्ते में मेरा भाई जैसा ही है परंतु यदि पूछा जाए की भाई कैसे तो मेरा जवाब होगा की मुझे नहीं पता । दरअसल जब मैं बहुत छोटा था तब मेरे पिता एक जगह नहीं टीके, लगभग पूरा भारत ही नाप दिया था , 20 साल का होते होते मुझे भी घूमते रहने की आदत पड़ गई और आज तक नहीं गई । आज भी लगभग हर राज्य में मेरा कोई न कोई रिश्तेदार निकल ही आता है , शायद कुछ से खून का संबंध भी होगा । मुझे नहीं पता की हरियाणा वाले इस छोटे भाई से खून का संबंध है या सामाजिक परंतु है तो छोटा भाई ही ।

इससे आखिरी मुलाकात दिल्ली में हुई थी आज से तकरीबन 18 साल पहले, शायस 2005 या 2006 के आस पास । एक दिन सुबह सुबह जब मैं घूम कर वापिस आया तब मेरे फ्लैट के बंद दरवाजे पर इसे इंतजार करते पाया । हाल चाल जानने और चाय नाश्ते की स्वाभाविक कार्य निबटने के बाद पता चला की उसकी छोटी बहन (शायद सगी) कई दिनों से दिल्ली में रहकर पढ़ रही थी और उसी को लेकर कुछ समस्या आ गई और उसे आना पड़ा । उसकी समस्या थी उसने सुलझा ही लेनी थी लिहाजा मेरा कोई काम नहीं था लेकिन दोपहर को साहब मुझे तलाश हुए मेरे ऑफिस में आ पहुंचे तब पता चला की समस्या थोड़ी बड़ी थी और उनसे सुलझ नहीं रही थी । उसकी छोटी बहन को पुलिस ने पकड़ रखा था वेश्यावृति के जुर्म में और मामला रफा दफा करवाने के प्रयास विफल हो रहे थे । हालाकि मेरे लिए भी मामला मुश्किल थी लेकिन भागदौड़ करने पर जैसे तैसे मामला समाप्त करवाया और दोनो को रवाना कर दिया । उस मामले में कई दिन शायद एक सप्ताह यह भाई मेरे पास ही रहा था और उसके बाद संबंध लगभग खत्म हो गए । शायद इसीलिए क्योंकि मैं एक ऐसे राज का गवाह बन गया था जिसे वो बाहर नहीं आने देना चाहते होंगे ।

आज इतने सालों बाद जब हरियाणा से गुजरने की बात आई तो सोचा की छोटे भाई से मुलाकात कर ली जाए । उसके घर पहुंचने पर पता चला की छोटे भाई की मृत्यु कई साल पहले 2010 हो चुकी है और अब वहां छोटे भाई की पत्नी आदि रह रहे थे ।

हालाकि छोटे भाई की छोटी बहन एक लिहाज से तो मेरी भी बहन ही लगनी चाहिए थी लेकिन मेरे हिसाब से अगर देखा जाए तो वो बहन होने के लिए कुछ ज्यादा ही छोटी थी और बेटी होने के लिए कुछ बड़ी तो मैं उसे किसी कैटेगरी में बांटने की जरूरत नहीं समझता ।

पता चला की वो आजकल केनिया में कहीं है । जिस साल उसे पुलिस ने पकड़ा था उसके दो साल बाद ही उसकी शादी कर दी गई थी । और उसके भी 2 साल बाद यानी की 2009 के आसपास उसने कन्या भ्रूण हत्या वाली चुड़ेल के श्राप के कारण एक लड़की को जन्म दिया । लड़की का जन्म हुआ उससे पहले ही उसने ससुराल छोड़ दिया था , क्यों छोड़ा यह तो बताने की जरूरत ही नहीं , सबकी एक ही वजह बताई जाती है फिर चाहे घर प्रेमी के लिए छोड़ा हो । अरे वही दहेज डोमेस्टिक वायलेंस आदि आदि । और शायद इसी सदमे में छोटे भाई को हार्ट अटैक आया और वो रुखसत हो गया ।

लड़की कभी अपने ससुराल दुबारा नहीं गई और छोटी बच्ची अब स्कूल में पढ़ रही है जहां कभी कभी उसकी दादी और पिता आकर मिल जाते है । कुछ गिफ्ट जैसे की फ्रूट्स या मिठाई वगैरह भी ले आते है । इन गिफ्ट्स का मजाक यहां छोटे भाई की पत्नी बनाती है । जब मेरे सामने मजाक बनाती दिखी तो जाहिर है मेरे ना होने पर तो ज्यादा बनता होगा ।

छोटे भाई की छोटी बहन , जब बच्ची यही कोई 4 साल की थी उस वक्त भारत से बाहर चली गई थी और बच्ची को यहां छोड़ गई थी मामी के पास , बाद में ले जाने के वादे के साथ । लेकिन वो एक जगह टिकी ही नहीं पहले ऑस्ट्रेलिया उसके बाद न्यूजीलैंड और ना जाने कौन कौन से देश के बाद अब इस वक्त केनिया में है और अमेरिका जाने का जुगाड लगा रही है । एक बार अमेरिका में सेट हो गई तब लेकर जायेगी बच्ची को ।

जब मैंने पूछा की बच्ची को उसके बाप को क्यों नहीं सौंप देते तब बस कोई फालतू सा जवाब सुना दिया । लेकिन असली मामला तो यह है की बच्ची ब्लैकमेल का एक अच्छा खासा साधन है , सालों से बच्ची के नाम पर और पत्नी होने के नाम पर लाखों रुपए लिए जा चुके है तो अब आते हुए पैसे को छोड़ा कैसे जा सकता है ।

मुझे नहीं पता की वो बाहर क्या काम कर रही है और न ही जानने की मेरी को दिली तमन्ना ही है लेकिन लगता है की यहां पीछे रह रहे लोग भी जानना नहीं चाहते या शायद उजागर नहीं करना चाहते । 

खैर यह मेरा मामला है ही नहीं , लेकिन सोच रहा हूं की इस बच्ची का भविष्य क्या है ? बाप और दादी इससे मिल नहीं सकते मां कहीं बाहर कुछ कर रही है । अगर बाप बच्ची के ले जाना चाहे तो भी ले जा नहीं सकता क्योंकि वो मां के लिए पैसा बनाने का साधन मात्र है ।

तो क्या बच्ची भी आगे चल कर वैश्या ही बनेगी ? शायद यही उसका भी भविष्य है । और रही छोटे भाई की छोटी बहन को बात तो वो तो अपने लिए जिंदा रहने का तरीका फाइनल कर ही चुकी है । कभी भारत लौटी तो यहां तो वो एक बेचारी पत्नी है जिसे उसके पति ने घर से निकाल दिया और वो जैसे तैसे अपनी बच्ची को पाल रही है ।

शायद वैश्या कभी वेश्यावृति छोड़ नहीं सकती बस नकाब पहन सकती है जो इसने भी पहन लिया है । किसी के बहकावे में आकर या अज्ञानता में किसी वैश्या से संबंध अगर जुड़ गया तो समझो जिंदगी नरक से अधिक और कुछ नहीं, कोई अधिक फरक पड़ता भी नहीं है आखिर ठोकर खाकर ही तो सबक सिखा जा सकता है ।



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