चार कदम फिर साथ चल दो न
चार कदम फिर साथ चल दो न
आज फिर उदास हूँ मैं
लगता हैं बिल्कुल अकेली हूँ मैं
एक अरसा हो गया
तूने हाल नहीं पूछा मेरा
बस एक बार
पहले की तरह
समझ लो न मेरे चेहरे की उदासी
और फिर कह दो न
कि यूं उदास मत हो
छोटी सी बात पर
यूं खामोश मत हो
मैं हर वक्त साथ हूँ तुम्हारे
ये तसल्ली तुम एक बार और दो न
कितना वक्त गुजर गया
हम मिले नहीं एक दूसरे से
महज एक मुलाकात और कर लो न
क्या चल रहा हैं इन दिनों
तेरी ज़िन्दगी में
ये सवाल एक बार तुम
और कर लो न
मैं थक गयी हूँ
अकेले चलते-चलते
चार कदम तुम फिर
साथ चल दो न।