चांद-सितारों के सपने
चांद-सितारों के सपने
दुनिया की हर खुशी देने का वादा किया था उसने, बोला था चाँद सितारे क़दमों में रख देगा। उसने अपना वादा बखूबी निभाया। आज पंद्रह साल हो गए एक भी अंधेरी रात नहीं देखी उस लड़की ने, देखी तो बस चारों तरफ झिलमिलाती लड़ियों की रोशनी और शरीर को नोंचते वो हाथ।
हाँ, बेच दिया गया था उसे ऐसी जगह जहाँ दिन भले ही अंधेरी कोठरी में बीते लेकिन रातें हमेशा उजाले में बीतती है।
आज भी सोचती है वो काश मैंने चाँद सितारों के सपनें ना देखे होते। काश मैं अपनी अंधेरी दुनिया में जी रही होती।
काश मैंने प्यार ना किया होता।
काश मैंने एतबार ना किया होता।