ज़िन्दगी अब तो दुश्वार लगने लगी हर कदम मौत के ही ठिकाने हुए। ज़िन्दगी अब तो दुश्वार लगने लगी हर कदम मौत के ही ठिकाने हुए।
काश मैंने एतबार ना किया होता। काश मैंने एतबार ना किया होता।
पूरी तरह बेखबर थी कि उसका आने वाला कल कैसा है ? अपने आज में पूरी तरह डूबी हुई। पूरी तरह बेखबर थी कि उसका आने वाला कल कैसा है ? अपने आज में पूरी तरह डूबी हुई।
कई महीने कई रातें यूं ही जाग कर के, उसे कभी अकेले होने का एहसास नहीं होने दिया कई महीने कई रातें यूं ही जाग कर के, उसे कभी अकेले होने का एहसास नहीं होने दिया
असल जिंदगी में तो ऐसा सोचना भी पाप होता है असल जिंदगी में तो ऐसा सोचना भी पाप होता है