और भी फिर मनुष्य अपने आप को बुद्धिमान समझता है। और भी फिर मनुष्य अपने आप को बुद्धिमान समझता है।
उसके मन में संतुष्टि का भाव था कि उसने कोई पाप नहीं किया था। मानव सेवा करके उसने सही अर्थो में पुण्य... उसके मन में संतुष्टि का भाव था कि उसने कोई पाप नहीं किया था। मानव सेवा करके उसने...
एक दिन पिताजी ने वकील को मिलने के लिए बुलाया कुछ बातें की और भेज दिया।कुछ सालों के बाद एक दिन पिताजी ने वकील को मिलने के लिए बुलाया कुछ बातें की और भेज दिया।कुछ सालों ...
मेरी आँसू भरी आँखों मे एक प्रश्न था ’क्यों रो रही है ?’ मेरी आँसू भरी आँखों मे एक प्रश्न था ’क्यों रो रही है ?’
बच्चे अक्सर खेल खेल में कई ऐसे सवाल पूछ लेते हैं जो हमें सोचने पर मजबूर कर देते हैं| बच्चे अक्सर खेल खेल में कई ऐसे सवाल पूछ लेते हैं जो हमें सोचने पर मजबूर कर देते ...
सखियों से पाप से धृणा करो पापी से नहीं सखियों से पाप से धृणा करो पापी से नहीं