पढ़ने के शौक ने लिखना सिखा दिया। सीख रही हूं और सीखते रहना चाहती हूं।
Share with friendsट्रेन में सामान रखते हुए रमन ने रूपा को चूम कर विदा किया।
Submitted on 02 Mar, 2020 at 15:29 PM
उस हँसती खिलखिलाती चार साल की बच्ची में एक नारी आकृति मात्र की कल्पना से ही उन गिद्धों
Submitted on 01 Mar, 2020 at 17:30 PM
एकता ने बाहर की तरफ कदम बढ़ाए और अपने मन ही मन में कहा, "कोमल हो सकती हूं, कमज़ोर नहीं।"
Submitted on 29 Feb, 2020 at 16:37 PM
मैं तो उन्हें शाम को पार्क में ले जाता हूं जहां मुफ्त में बच्चों बड़ो सब को पढ़ाया जाता
Submitted on 28 Feb, 2020 at 18:09 PM
रुकमणी देवी ने मंच पर आकर माइक लेकर कहा मैं ने गुरु होने के नाते इसको सारे भाव सिखाए म
Submitted on 26 Feb, 2020 at 17:51 PM
कागज़ात बाबूजी जी की वसीयत ही हो सकती है जो उसने मिलते ही अपनी तिजोरी में रख दी थी।
Submitted on 24 Feb, 2020 at 14:41 PM
कन्डक्टर को अपने एक नज़दीक आया देख वो कुछ बोलने को हुई ही थी कि कन्डक्टर की आवाज़। ..
Submitted on 23 Feb, 2020 at 20:03 PM
मुझे देखते ही बोले, "मेरी आजकी सुबह तेरी मसाला चाय के नाम लेकिन चीनी नहीं मिली...” मैंने चुस्की लेते हुए कहा इसमें घुले...
Submitted on 30 Jan, 2020 at 15:17 PM
नियम को लगता कि नियति अपनी बड़ी नौकरी और ऊँचे पद पर घमंड करने लगी है
Submitted on 30 Jan, 2020 at 12:08 PM
सुनते ही मेरी आँखें भर आईं और मैं बोल उठी कि ये श्रद्धांजलि नहीं एक नए बिजनेस के शुरू होने की खुशी की पार्टी है। ये होती...
Submitted on 24 Nov, 2019 at 03:16 AM
समर भावशून्य सा घर की दीवार पर सजी कठपुतली को देखता रहा।
Submitted on 23 Nov, 2019 at 21:13 PM
पापा! मैं रंगों से प्यार करती थी और अपनी दुनिया उन रंगों से सजाना चाहती थी।
Submitted on 15 Nov, 2019 at 20:07 PM
वो दिन गए जब मर्द पैसे कमाते और औरतें सिर्फ घर सम्भालती थी। आजकल लड़कियां पढ़ रही, आगे बढ़
Submitted on 14 Nov, 2019 at 19:54 PM
राजू चुपचाप बैठा सोचने लगा कि मां की इस सनक ने आज पूरे परिवार को बचा लिया।
Submitted on 13 Nov, 2019 at 19:09 PM
अष्टमी की सुबह पुष्पांजलि के समय उसके पसन्दीदा रंग की वो पीली साड़ी पहनना
Submitted on 12 Nov, 2019 at 19:47 PM
लड़की वाले हो या लड़के वाले सम्मान सबका समान ही होना चाहिए।
Submitted on 10 Nov, 2019 at 20:18 PM
ऐसा करके हम बच्चों से उनकी निष्पाप हंसी नहीं बल्कि एक देश से उसकी सर्जनात्मक शक्ति छीन
Submitted on 08 Nov, 2019 at 19:45 PM
स्वरा ने गुस्से से मधु को देखा और उसका हाथ पकड़ कर लग गई चालान कटवाने वाली लाइन में।
Submitted on 07 Nov, 2019 at 21:38 PM
बर्तन धोने के बाद भरपेट खाना और सुखद नींद में फिर से मां के स्पर्श की अनुभूति मिलेगी।
Submitted on 06 Nov, 2019 at 21:30 PM
घर लौट कर कमल लग गया अपने पापा की सेवा में और पवन ने व्यवसाय की डोर अपने हाथों में सम्भ
Submitted on 05 Nov, 2019 at 18:30 PM
पड़ोस में रहने वाले बच्चे मिठाई का डिब्बा लिए दौड़ते हुए आए और बोले "हैप्पी दीवाली दीदी"।
Submitted on 05 Nov, 2019 at 04:50 AM
मैंने ये कहकर पढ़ाई छोड़ दी कि मेरा पढ़ने में मन नहीं लगता ताकि वो दोनों पढ़ सकें
Submitted on 04 Nov, 2019 at 19:39 PM
आंटी और अंकल से मिलने आती और अमन को हर रक्षाबंधन पर राखी बांधती।
Submitted on 01 Nov, 2019 at 16:18 PM