Swati Roy
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पढ़ने के शौक ने लिखना सिखा दिया। सीख रही हूं और सीखते रहना चाहती हूं।

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मैं पास नहीं तेरे... मैं साथ नहीं तेरे... पर मेरी दुआएं, हमेशा तेरे साथ है...

विज्ञान मानव के लिए वरदान है, इसका सदुपयोग करे।

क्यों समीक्षा करते हो, मेरे चरित्र की हर बार... औरत हूं, किताब का कोई अधूरा पन्ना नही...

ना बिकता ईमान बाजारों में... गर खरीदने वाला इंसान ना होता...

हम आज भी अपनी दोस्ती पर नाज़ करते हैं... वो हमें भूल गए पर हम उन्हें याद करते हैं... दोस्त रहे सलामत हमारे... इस दुआ में आज भी ये दोनों हाथ उठा करते हैं...

हम आज भी अपनी दोस्ती पर नाज़ करते हैं... वो हमें भूल गए पर हम उन्हें याद करते हैं... दोस्त रहे सलामत हमारे... इस दुआ में आज भी ये दोनों हाथ उठा करते हैं...

खाद्य का ना करो अपमान... ज्यादा हो तो करो जरूरतमंदों को दान...

डालो इतना ही अपनी थाली में.... ना बरबाद हो खाना नाली में....

जब तक आप की जेब में पैसे है... सब आपसे पूछेंगे आप कैसे है??


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