सम्मान नही सामान बेचती हूं

सम्मान नही सामान बेचती हूं

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चिलचिलाती धूप और लू के थपेड़े ऐसे लग रहे थे जैसे खौलता हुआ तेल उड़ेल रहा है कोई। परिंदे भी पत्तों के झुरमुट में खुद को छुपाए बैठे थे। सड़कें इतनी सुनसान और खामोश जैसे अभी अभी किसी का मातम मना कर चुकी हों....

इस तपती दोपहर में जब सब अपने घरों में किवाड़ लगाए बैठे हैं थे वहीं वो एक कंधे पर लदे भारी से थैले को सम्भालती दूसरे हाथ से अपने दुपट्टे से माथे को ढक बरसते अंगारों से बचने की नाकाम कोशिश करते हुए चली जा रही थी.....चली क्या जा रही थी यूं कहें खुद को घसीट रही थी। माथे से टपकती पसीने की बूंदों और सूखे फ़टे होठों से उसकी मजबूरी और लाचारी साफ झलक रही थी.... किसी तरह सड़क के किनारे वाली गली के पास पहुंच अपने कंधे से थैला उतार उस बड़ी सी बिल्डिंग की छांव में बैठ थोड़ा सुस्ता फिर उठ खड़ी हुई और चल पड़ी अपनी मंजिल की ओर.... 

बस थोड़ा सा और चल ले कमला फिर आज तो तेरा सारा सामान बिक जाएगा और आज बच्चों को आधा पेट नही सोना पड़ेगा.... अरे आधा पेट क्यों आज तो उनके पसन्द के राजमा चावल बना कर खिलाऊंगी, ऐसा करूंगी जाते हुए दोनों के लिए रसगुल्ले ले जाऊंगी.... कितने पसन्द है दोनों को.... बच्चों का हँसता चेहरा आंखों के सामने आते ही उसके कदमों ने रफ्तार पकड़ ली।

अपनी मंजिल के सामने खड़ी थी .....एक गहरी सांस ले अपने दुपट्टे से पसीना पोछ दरवाज़े में लगी कड़ियों को खड़काया। तकरीबन पाँच मिनट बाद दरवाजा खुलते ही साहब को खड़ा देख एक बार को ठिठक गई ....

"दीदी है क्या घर पर साहब, दरअसल दो दिन पहले दीदी ने खबर भिजवाई थी कि अचार, पापड़, मंगौड़ी और मसाले खत्म होने को है तो मैं जितनी जल्दी हो सामान लेकर आ जाऊं" कहते हुए उसने बैठक में कदम रखा....."क्या क्या सामान लायी है कमला मुझे भी दिखा जरा, ऊपर से नीचे तक कमला को नजरों से तोलते हुए साहब ने कहा".....थैला नीचे रख कमला ने दुपट्टा ठीक करते हुए सामान निकालना शुरू ही किया था कि उसको अपने कंधे पर कुछ ठंडा सा स्पर्श महसूस हुआ.... 

खतरे की आशंका को भांपते ही उसके हाथ पैर ठंडे पड़ गए लेकिन तभी घर पर इंतजार कर रहे दोनों बच्चों का चेहरा आंखों के सामने आते ही कमला उठ खड़ी हुई और ....एक झन्नाटेदार आवाज हवा में गूंज उठी...

कमला ने थैला उठाया और निकल पड़ी उस बड़े फाटक से बाहर... उसके कदम पहले से तेज और अडिग थे और माथे पर सम्मान की बूंदे चमक रही थी।



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