चाची की आत्मा
चाची की आत्मा
यह एक आंखों देखी घटना है। एक बार गर्मी के छुट्टियों में मैं और मेरी बहन मामा के घर घूमने गए थे। मामा के घर में नानी मुझे बहुत प्यार करती थी। और मेरी बहनों को यह पसंद नहीं आता था। क्योंकि वे थोड़ी शरारत वाली और थोड़ी मस्ती भी करती थी।
एक दिन मेरी मां की तबीयत अचानक खराब हो गई। तब मेरे मामा मुझे मेरे घर ले आये। वो भी मेरे घर पर रुक गए। जब मेरी मां की तबीयत सही हो गई। तब मामा जी बोले कि मैं अपने घर जा रह हूँ।
भैया। अब मैं ठीक हूं आप घर चले जाइए। मेरे घर पर में मैं और मेरी मां ही बचे, दो-चार दिन बीत गया। तब एक दिन रात में मुझे जोर की प्यास लगी। और मैं आंगन में पानी पीने के लिए उठी।
तभी मेरी नजर ऊपर गई और मैंने देखा की धुआं जैसा कुछ उठ रहा है। तब मैंने अपनी मां को जगाया और माँ को बोला माँ ऊपर देखो। यह काला काला धुआँ जैसा क्या उठ रहा है। मेरी मां समझ गई।
कि यह मेरी चाची की आत्मा जो मुझे लेने आई थी। क्योंकि मरने से पहले मेरी चाची ने कहा था, कि मैं तुम्हारी बड़ी बेटी को छोडूंगी नहीं। मेरी माँ ने मुझे सुला दिया। और खुद घर के पीछे बैर का पेड़ लगा था। उसी के नीचे बैठकर रोने लगी।
क्योंकि बकाइन – मेहंदी के पेड़ पर हमेशा रात 11:30 बजे के बाद चुड़ैल- आत्मा- भूत -प्रेत निवास करते हैं। और उसी पे चाची की आत्मा भी रहती थी। तभी मैंने देखा कि मेरी मां के आस – पास बहुत सारी औरतें बैठी हुई थी। मेरे दिमाग में कुछ ना सुझ रहा था।
एक बार हम लोग 8वीं कक्षा में जब पढ़ रहे थे। तो गुरु जी ने बताया था। कभी भी भूत प्रेत या आत्मा दिखाई दे तो गायत्री मंत्र का जाप करो। बजरंगबली का नाम लो। तो आत्मा वहां से डर कर भाग जाएगी। उस वक्त यह बात मुझे याद आ गई। और मैंने वैसा ही किया। जैसे गुरु जी ने बताया था। आज मैं और मेरी मां सही सलामत है।
लेकिन जब से मेरी मां के साथ ऐसा हादसा हुआ था। तब से मां को थोड़ी भूलने की बीमारी और थोड़ी डरने की बीमारी हो गई। और एक कमरे में बंद रहने लगी। क्योंकि बाहर अभी भी चाची की आत्मा दिखाई देती है। लोग बोलते हैं कि यह असत्य है। लेकिन जिसके ऊपर बीतती है। वही जानता है।

