अमावस का रहस्य
अमावस का रहस्य
अमावस की रात मन ज्यादा बेचैन और चिंतित रहता है. और नींद कम आती है। कमजोर दिल वाले लोगों के मन में आत्महत्या या हत्या करने का डर बढ़ जाता है। चांद का धरती के जल से से संबंध उत्पन्न होता है। अमावस आती है तो समुद्र में सैलाब आता है। क्योंकि चंद्रमा समुद्र के जल को ऊपर की ओर खींचता है। मानव शरीर में लगभग 70 प्रतिशत जल है।
अमावस के दिन समुद्र की गति और लहरे बदल जाती हैं। विद्वानों के अनुसार इस दिन चंद्रमा का प्रभाव काफी तेज होता है। गांव के लोग कोई पंडित से तो कोई मौलवी से भूत प्रेत या फिर जिन्न को हटाने के लिए मंदिर या मस्जिद में जाते हैं। जो पंडित लोग बताते हैं . कि चार रास्ते पर दिया जलाओ या फिर नींबू काट दो तो तुम्हारे घर में सुख शांति आएगी. ऐसा करने से दूसरों को नुकसान पहुंचाते हैं.
और जीव जानवर भी इसका शिकार हो जाते हैं। एक समय की बात है हमारे बाबाजी गर्मियों के समय खड़ी दोपहर में बगिया जा रहे थे .और उन्हें कुछ लोग दिखाई दिए तो वे उन लोगों के पास जाकर बैठ गए और आराम करने लगे ( करीब 12:00 से 1:00 बजे का समय था) जब 3:00 बजे तो वे उठे.
और जोर-जोर से आवाज मारने लगे कि आप लोग कहां चले गए। इतने में एक बुढ़िया औरत दिखाई दी. और बोली कि यहां पे कोई दोपहर को आता ही नहीं क्योंकि यह बहुत घनी बगिया है. और दोपहर का समय था।
आपको कोई सपना आया होगा। तब बाबाजी घबराए और हांफते हुए घर की तरफ दौड़े चले आए। और घर के अंदर आने के बाद उन्हें जोर का बुखार आ गया क्योंकि वह लोग कोई साधारण लोग नहीं थे। बल्कि भूत-प्रेत थे। इसलिए अमावस की रात को नहीं निकलना चाहिए।