शैतानी शक्तियों का मज़ाक उड़ाना
शैतानी शक्तियों का मज़ाक उड़ाना
आज मैं आप सभी को एक सत्य घटना के बारे में बताने जा रहा हूँ। मेरे मित्र के पिता लाल सिंह बैंक में एक कर्मचारी थे । वह भूत प्रेत जैसी आत्माओं का बहुत मजाक उड़ाते थे । वह कहते थे कि शैतानी शक्तियों जैसी कोई चीज नहीं होती। और वह चाहे रात हो या .दिन जंगल हो या . शमशान हो या फिर कोई कब्रिस्तान हो । वो जानबूझकर वहां पर घूमते रहते थे ।
और बोलते थे कि देखो अगर कोई आत्मा होती। तो हम को परेशान जरूर करती । चाहे साधु हो या फिर चाहे मौलवी हो उन लोगों की बातों का बहुत मजाक उड़ाते थे। और उन्हें अभी तक कुछ नहीं हुआ था। 1 दिन वो दोपहर के समय अकेले बैंक जा रहे थे। तभी उनको एक चौराहे पर नींबू,पेड़ा, फूल और लाल कपड़ा रखा हुआ दिखा। जिसके चारों और हल्दी का एक घेरा बनाया हुआ था । और वह सोच में पड़ गया की दोपहर में यहां पर यह सब सामान किसने चढ़ाया है ।
और वह मस्ती के मूड में साइकिल के नीचे उतरे और हल्दी से बने हुए घेरे के अंदर से नींबू लाल कपड़ा और मिठाई भी उठा ली । और साइकिल पर बैठकर हंसते हुए बैंक की ओर चले गए। वहां पहुंचकर काम करने में व्यस्त हो गए तभी उन्हें भूख लगी .
और वह नाश्ता मंगा कर खाने लगे .और उनको याद आया कि मेरे पास नींबू मिठाई भी रखी हुई है। तो उन्होंने उसे भी खा लिया . और जो लाल कपड़ा उठाया था । उससे अपना हाथ मुँह पोछकर कूड़े में फेंक दिया। और उनको कुछ भी नहीं हुआ । जैसे-जैसे दिन ढलने लगा रात होने लगी ।
वैसे वैसे उनका सिर भारी होने लगा और वह घर आ गए । रात में 12 बजते ही उन्हें जोर-जोर से कभी हंसते और कभी रोते और यहां तक कि वह अपना कपड़ा फाड़ देते । या फिर अपने आप को कैची या चाकू से चाहे गला चाहे हाथ भी काटने लगते। एक दिन तो वह इतना हद कर दिए कि वह अपने गले में फांसी का फंदा लगाकर खड़े हो गए।
तब उनकी पत्नी ने उन्हें देख लिया . और छुड़ाया उनसे पूछने लगी. अरे आपको क्या हो गया। जो आप ऐसी वैसी हरकतें करने लग गए। तो वे कुछ नहीं बोले. जैसे कोई पागल कोई बात को सुन रहा हो। उनकी औरत परेशान होकर डॉक्टर के घर पहुंची और उनका इलाज करने को कहा हालांकि डॉक्टर को बीमारी समझ में नहीं आई। फिर भी वह उनको ग्लूकोज की बोतलें चढ़ाना चालू कर दिए। धीरे-धीरे कुछ दिन बीतते गए लाल सिंह की तबीयत मानो कैंसर के मरीज से भी बत्तर हो गई ।
तब उनकी पत्नी ने उन्हें एक अघोरी बाबा को दिखाया . और अघोरी की समझ में सारी बातें आ गई। उसने कहा कि इन्होंने चार रास्ते पर पड़े समान को उठा लिया था । यह उसी का नतीजा है । लाल सिंह की पत्नी ने पूछा कैसे तब अघोरी ने बताया .कि चार रास्ते पर एक आदमी ने किसी को झाड़-फूंक कर उसकी आत्मा को आजाद किया था ।
और जैसे ही उसने सारा सामान चढ़ाकर पीछे लौटा। वैसे ही ये वहां पहुंचकर सारा सामान उठा कर खा लिए होंगे। तभी आत्मा इनको परेशान कर रही है। लाल सिंह की पत्नी रोने लगी । और अघोरी का पाव पकड़ लिया । बोली बाबा अब आपका ही सहारा है अघोरी बाबा दुखी हो गए । और बोले ठीक है । पहले जाकर कुछ नया सामान खरीद कर लाओ । फिर मैं बताता हूं ।
औरत ने पूछा क्या लाऊं फिर अघोरी ने बोला जैसे नींबू ,सवा किलो मिठाई, सवा मीटर लाल कपड़ा और एक फूलों का हार लेकर आओ .और यह सब अपने पति के हाथों में झूठा करवा कर । हमें दे दो तब हम देखते हैं. कि हमसे क्या हो सकता है।
जैसा अघोरी ने बताया औरत ने वैसे ही किया अघोरी ने पूजा पाठ संपन्न करने के बाद एक लोटा पानी । लाल सिंह के चारों तरफ घुमा कर पी लिया और चले गए। लाल सिंह दिन प्रतिदिन सही होने लगे .और उनको कुछ याद भी नहीं आया. और वह एकदम स्वस्थ हो गए, और अपने बैंक में काम फिर से चालू कर दिया।