माँ की ममता
माँ की ममता
गुजरात शहर में एक लड़का रहता था। जिसका नाम उत्कर्ष था । जो 35 साल का था । उसने सोचा कि मैं अपने परिवार के साथ पिकनिक के लिए देहरादून जाऊँ। जहां उसने 6-7 दिन अपने परिवार के साथ बिताए। जब वह अपने घर गुजरात आने लगा। तो उसका पूरा परिवार गाड़ी में बैठ चुका था । और वह भी रास्ते में आते आते रात के 2:00 बज चुके थे।
और वह देहरादून के पहाड़ों को पर कर रहा था। तब सड़क एकदम सुनसान पड़ी थी और पूरी सड़क पर सन्नाटा छाया हुआ था। अचानक उत्कर्ष की गाड़ी के आगे एक औरत दिखाई दी जिसके काले घने लंबे बाल और सफेद रंग की साड़ी पहनी हुई थी। और वह दूर से ही हाथ हिलाकर गाड़ी को रुकने का इशारा कर रही थी।
औरत को देखकर उसकी मां ने कहा बेटा गाड़ी मत रोको पता नहीं यह कैसी औरत होगी। जो रात के समय सड़क पर घूम रही है क्या पता यह कोई लूटेरन हो या फिर कोई बुरा साया। तब तक गाड़ी उस औरत के पास में पहुंच गई।
और जोर-जोर से गाड़ी का दरवाजा पीटने लगी उसको देखकर ऐसा लग रहा था कि मानो या बहुत मुसीबत में फंसी हो उत्कर्ष की मां ने बोला गाड़ी का दरवाजा मत खोलो लेकिन उत्कर्ष ने बोला की यह औरत किसी बड़े घर की और शरीफ दिख रही है। और लगातार रोए जा रही है।
एक बार इससे बात कर लेता हूं और उसने गाड़ी का दरवाजा खोलकर पूछा क्या बात है। और आपको कहां तक जाना है। आप क्यों रो रही हो। तब औरत ने बोला कि मेरी गाड़ी खाई के नीचे गिर गई है। और उसमें पीछे वाली सीट पर मेरी छोटी बेटी फस गई है।
कृपया आप मेरी मदद करो इतना सुनकर उत्कर्ष खाई की तरफ दौड़ा और उसके पीछे उसका पूरा परिवार भी दौड़ा उत्कर्ष सड़क के नीचे खाई में उतरा और गाड़ी का दरवाजा पीटने लगा लेकिन दरवाजा नहीं खुल रहा था।
उसने किसी तरह की ईंट से पीटकर गाड़ी का कांच तोड़ दिया। और लड़की को उतार लिया। वह लड़की लगातार रोए जा रही थी। मैंने बोला बेटा तुम्हारी मम्मी पीछे ही खड़ी है।
अपनी मम्मी के पास जाओ तब भी वह लड़की मम्मी मम्मी बोले जा रही थी। फिर मैंने उसको अपनी गोदी में उठा लिया। और ऊपर आने लगा तभी मेरी निगाह गाड़ी के आगे वाली सीट पर गई। शीशे के अंदर कुछ धुंधला-धुंधला सा दिख रहा था।
मैंने वह भी काँच तोड़ा तो देखा आगे वाली सीट पर एक औरत बैठी हुई थी। जिसका माथा फूट गया था। खून बहुत सारा निकल रहा था। और वह मर चुकी थी। तब मैंने पीछे मुड़ कर देखा कि वह औरत वही है। तब तो मेरे होश उड़ गए।
और तभी मेरा परिवार इकट्ठा होकर मेरे पास आ गया। यह भयानक दृश्य सब ने देखा। जो औरत मर चुकी थी उसी ने हम से मदद लेकर अपनी बच्ची को बचाया रात में हमें उसके बाद वहां कोई नहीं दिखा।
हमने आवाज भी लगाई तो भी वह औरत दोबारा नहीं आई। और हम बच्ची को लेकर अपने घर आ गए। अभी तक वह लड़की हम लोगों के साथ हमारे घर में रहती है। उसकी माँ ना तो हमें कहीं दिखाई दी और ना ही कभी परेशान किया।

