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Devaram Bishnoi

Abstract

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Devaram Bishnoi

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" ब्रांडेड बुराई "

" ब्रांडेड बुराई "

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जो इंसान पुरी दुनियां के खिलाफ ग़लत बात के लिए 

अकेला न्याय पाने के लिए बहादुरी से खड़ा रहे।

सामाजिक व्यवस्था मेंअन्याय के विरुद्ध परिवर्तन 

शीलता के लिए‌ सदैव संघर्ष करे।

जो कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं रखता हों।

जो सदैव परमार्थी कार्य सिद्धि में अपना योगदान देने 

कि सोच रखता हों।

ऐसे सच्चे इंसान दुनियां में बहुत ही कम होते हैं।

ऐसे सच्चे इंसान कि पहचान दूसरों लोगों को बहुत 

कम होती हैं।

लोग तोअक्सर सबको आप जैैैसा ही मतलबी यार 

समझते हैं।

सिर्फ खुद को बुद्धिमान सच्चा इंसान समझते हैं।

दूसरे को कभी खुद से ज्यादा सच्चा इंसान समझ ही 

नहीं सकतें हैं।

जो इंसान दुनिया के सामने अकेले खड़े होने कि 

हिम्मत रखता है।

वह लोगों के बीच ब्रांडेड बुराई हों चुका होता हैं।

नासमझ लोग मिलकर हमेशा उसकी बुुराई करते हैं।

परन्तु उन्हें यह पता नहीं हैं कि वह लोगों कि बुराई 

करने पर ख़ुश होता हैं।

क्योंकि भगवान के बाद लोग सिर्फ उसे याद करते हैं।

यही तो ब्रांडेड बुराई कहलाती हैं।

यह बहुत ही बिरले इंसान होते हैं।

दुनियां में बहुत कम ही होते हैं।‌

दुनियां में ब्रांडेड बुराई इंसान लाखों में से एक होता है।


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