Prabodh Govil

Abstract

4.0  

Prabodh Govil

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बसंती की बसंत पंचमी-20

बसंती की बसंत पंचमी-20

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आख़िर वो दिन भी आया।

सब सहेलियां सज- धज कर तैयार हुईं और रुख किया श्रीमती कुनकुनवाला के घर का।श्रीमती वीर ने तो मानो अपनी उम्र पूरे दस साल घटा ली। ऐसे दमक रही थीं जैसे प्रियंका चोपड़ा।मिसेज़ अरोरा ही कहां कम थीं? उन्होंने तो जैसे दीपिका पादुकोण की वार्डरोब ही खंगाल डाली थी।श्रीमती चंदू तो आइना देख कर चौंक ही गईं। उन्होंने अपनी तैयारी में आलिया भट्ट के आउटफिट्स फ़ॉलो किए थे।और तो और, ख़ुद श्रीमती कुनकुनवाला कहां किसी से कम थीं। ख़ुद उनका बेटा जॉन उनके कहने पर दमादम उनकी पिक्स लिए जा रहा था उनके मोबाइल पर।

साढ़े दस बजे से पूरा जमावड़ा परवान चढ़ गया जबकि पार्टी का टाइम बारह बजे का था।एक तो वैसे ही साल भर के लॉकडाउन के बाद आज इतने दिनों बाद सब फ्रेंड्स मिल रही थीं दूसरे श्रीमती कुनकुनवाला ने प्रोड्यूसर साहब के आने की खबर दे दी। क्या पता, किसकी किस्मत खुल जाए और फ़िल्म में चांस मिल जाए। और जब फ़िल्म की कहानी महिलाओं पर आधारित है तो सबको कोई न कोई छोटा- मोटा रोल मिलने का चांस तो बनता ही था।लेकिन फिल्मकार लोग इतने दुनियादार नहीं होते कि श्रीमती कुनकुनवाला के घर पार्टी है तो उन्हीं को हीरोइन बना दें। ठोक बजा कर सब देखते हैं। बाज़ार में चलने वाला सिक्का ही खोजते हैं। लिहाज़ा सब अपनी एक- एक अदा पर इस तरह कायम थीं मानो पार्टी में नहीं, फ़िल्म के लिए स्क्रीनटेस्ट देने ही आई हों।

ठीक बारह बज कर दस मिनट पर प्रोड्यूसर साहब आ पहुंचे। डायरेक्टर साहब भी साथ ही थे।सारा माहौल एकदम चहचहा उठा।डायरेक्टर साहब और प्रोड्यूसर साहब ने अपने रेशमी डिजाइनर मास्क क्या हटाए, मानो वहां उपस्थित महिलाओं की किस्मत के पट खुलने के लिए फड़फड़ाने लगे।


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