डायरेक्टर साहब भी साथ ही थे।सारा माहौल एकदम चहचहा उठा। डायरेक्टर साहब भी साथ ही थे।सारा माहौल एकदम चहचहा उठा।
ख़ूबसूरत और उनका भविष्य भी ! न जाने कौन सा मुकाम उनके इंतज़ार में था ? ख़ूबसूरत और उनका भविष्य भी ! न जाने कौन सा मुकाम उनके इंतज़ार में था ?
कहाँ थे तुम दस दिनों से? मैं कितना परेशान थी! तुम्हारा नंबर भी नहीं लग रहा था कहाँ थे तुम दस दिनों से? मैं कितना परेशान थी! तुम्हारा नंबर भी नहीं लग रहा था