Gulabchand Patel

Horror

1.4  

Gulabchand Patel

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भूत की बाातें

भूत की बाातें

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कमल अपने पिताजी के साथ शहर के नजदीकी गांव में रहता था, उसके पिताजी किसान थे और शहर में एक कपड़ा मिल मे जॉब भी करते थे, कमल करीब सातवीं कक्षा में पढ़ता था, उसके तीन बहनें थी और तीन भाई थे, खेती मे बारिश नहीं होने के कारण फसल नहीं होती थी इस लिए उसके पिताजी नारायण सिंह को मिल मे भी काम करना शुरू कर दिया था। सभी को पढ़ाना, उन्हें कपड़े दिलाना, खाना पीना करने के लिए वो कड़ी मेहनत करते थे।

एक बार कमल और उसके पिताजी खाना खाने के बाद बैठे थे, बातें करते थे उस समय कमल ने अपने पिताजी से प्रश्न पूछा कि भूत प्रेत आपने कभी देखा है ? तो पिताजी ने कहा कि हाँ हाँ, मैंने देखा है।

कमल ने पूछा कि कब और कहा देखा है ? कमल का इंतजार बढ़ रहा था,

नारायण सिंह ने अपने बेटे को बताया कि देखो मे तुम्हें बताऊँ लेकिन एक शर्त है, आप कभी डरना नहीं, यदि आप अपने दिल में डर रखोगे तो आपको भूत प्रेत की बातें याद आएगी और कुछ नहीं होने पर भी तुम्हें भूत प्रेत नजर आएंगे।

कमल ने मन ही मन निश्चय किया कि कभी डरेंगे नहीं और स्वस्थ होकर पिताजी को कहा कि मैं कभी डर नहीं रखूँगा।

पिताजी ने कहा कि, देख मे रात को मिल से छूटकर घर की ओर निकलता था तब नदी पार करते हुए घर पहुँचते समय कांटों की दो दीवार के बीच रास्ते से गुजरते वक्त कभी बिल्ली के रूप में भूत प्रेत दिखाई देता और मेरे पैरों से टकराते, कभी कुत्ता, कभी भेंसा का रूप धारण कर के डराते थे लेकिन मे कभी डरता नहीं था।

कमल को और अधिक जानकारी लेने की इच्छा प्रबल हुई,

एक दिन अपनी नानी अपने घर आई थी तो सभी खाना खाने के बाद बैठे थे उस समय कमल से रहा नहीं गया, उसने अपनी नानी से पूछा- नानी ये भूत प्रेत की बातें सच है क्या ? तब नानी ने कहा कि हाँ हाँ बेटा सच है, कमल ने पूछा कैसे ? नानी ने कहा कि सुन एक दिन में रात के समय बाहर से आ रही थी उस समय रास्ते में एक बरगद का पेड़ था, वहीं पहुँच ने से पहले मैंने एक औरत को सफेद ड्रेस में देखा, बहुत रोशनी दिखाई देती थी, वो बहुत ही सुन्दर दिख रही थी, थोड़ी देर बाद में करीब पहुँचने आई तब वो औरत जलने लगी, आग कैसे लगी, वो कैसे जलने लगी उसका कुछ पता नहीं चल पाया, मैं डरी नहीं और चुप चाप वहाँ से जल्दी जल्दी घर की ओर भागी।

कमल ने कभी ऐसी बातें सुनी नहीं थी, कमल के पिताजी को एक और बात याद आ गया, कमल को बताया कि तुम्हें एक ओर घटना बताता हूँ, अपने मुहल्ले में ये जो जेठा है न वो साइकिल पर सवार होकर रात में अपने काम से लौट रहे थे उस समय रास्ते में रोड के करीब एक कुँआ आता है उसमे पानी नहीं है, लेकिन कुँआ के करीब एक बबूल का पेड़ है, वहाँ पहुँचते ही जेठा को रोड़ के बीच एक 50 फुट ऊँचा आदमी सफेद रंग के कपड़े पहनकर खड़ा हो गया और जेठा को आगे बढ़ने नहीं दिया।

जेठा बिना किसी डर खड़ा हो गया और उसको धक्का लगा ने के लिए आगे बढ़ा तो वो भूत प्रेत भाग गया और दिखाई नहीं दिया, जेठा घर पहुँचा और उसके घरवालों को और मुहल्ले वालों को ये बात बताई, लोगो ने जेठा को बहुत बहादुर लड़का के रूप में बहुर सराहना की और बाकी बच्चों को बताया कि देखो आप सभी ये जेठा की तरह डरना नहीं और जीवन में आगे बढ़ना ! कमल ने भी ये सब बातें सुनकर डरने के बजाय जीवन में आगे बढ़ने का निश्चय किया !


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