मेरे मार्ग दर्शक डॉ इश्वर भरडा प्राचार्य राम बा बी एड कॉलेज पोरबंदर
मेरे मार्ग दर्शक डॉ इश्वर भरडा प्राचार्य राम बा बी एड कॉलेज पोरबंदर
गुजरात मे होते हुए भी कभी राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी की जन्म भूमि देखनेका अवसर प्रपट हुआ नहीं था। मे शिक्षा विभाग मे गांधीनगर कमिश्नर श्री मध्याहन भोजन और शालाओ की ऑफिस मे कार्य करता था। एक बार कमिश्नर के साथ मीटिंग मे उपस्थित रहने का अवसर मिलनेवाला था। मेरे ऑफिसर ने हमे कुछ पत्रक तैयार करने हेतु दिये थे। हमने बहुत ही सुंदर रितसे पत्रक माहिती के साथ तैयार किए थे। मेरे ऊपरी अधिकारी बहुत खुश थे। इनहोने बताया की आपको कमिश्नर साहब से सम्मान पत्र दिलाएँगे । कमिश्नर साहब को हमने ये सभी पत्रक दिखाये थे। मे मेरी बेटी की शादी के लिए छुट्टी पर गया था,मे छुट्टीय पूरी होने के बाद ऑफिस गया,एक सप्ताह बाद ए जी ऑफिस का ऑडिट आया था। उस वक्त मेरी पत्नी बीमार होने से मे छुट्टी पर गया। मर ऊपरी अधिकारी को ये पसंद नहीं आया इनहोने मेरा तबादला कमिश्नर साहब को बताकर पोरबंदर कार्वा दिया।
मे पोरबंदर गया तो हमे डॉ ईश्वरभाइ भरडा साहब मिले। इनहोने हमे कॉलेज दिखाया। और कहा की आप जाओ गांधीनगर चार दिन बाद आना । मे घर जाकर आया। मेरे अधिकारी अब ये डॉ भरडा साहब थे। इंका स्वभाव बहुत सरल था। हमे घर से दूर कुछ अच्छा नहीं लगता था। इनहोने हमे देखा तो बोले की आप तो कवि हो,कुछ लिखता रहिए। हमे लिखने के लिए प्रोत्साहित किया। अब मेरे मार्ग दर्शक बन गए। मेरिकिताब पब्लिश करने हमे मार्गदर्शन दिया। पोरबंदर के कलेक्टर साहब के करकमलों से मेरी पुस्तक हरीकृपा काव्य संग्रह का विमोचन करवाया। हमे बहुत खुशी हुई।
5 सितंबर को मुख्य मंत्री श्री नरेंद्र मोदी साहब की विध्यार्थीयोके साथ ऑन लाइन गोष्ठी थी। विधारथी सभी हमारी ओफ़ीके मे टीवी के सामने बैठे थे। विधायथियों ने गुजरात की सुवरा जयंती के लिए कुछ संकल्प किए। उसी समय हमने भी संकल्प लिया ,की हम व्यसन मुक्ति अभियान चलाएँगे। स्कूल कॉलेज मे जायेंगे। हम संकल्प टाइप कर रहे ठेउसी समय डॉ भर्डा साहब आए। इनहोने देखा तो हमे बताया की आप केसे व्यसन मुक्ति कार्य करेंगे? मीने बताया की मे स्कूल कॉलेजो मे जाकर कौंसेलिंग करूंगा,बच्चोकों और शिक्षको व्यसन से होते नुकसान की जानकारी दूंगा। मीने अपना अभियान शुरू किया। इनहोने हमे पूछा की कितनी स्कूल कोलेजमे कार्यक्रम किए ? हमने बताया की पाँच। इनहोने पूछा क्या सबूत हे आपने पाँच कार्यक्रम किए । इनहोने हमे मार्गदर्शन किया किया की आप जिस संस्था मे जाओ तब वह से कार्यक्रम केसा लगा इस प्रकार का प्रमाण पत्र लीजिये। संस्था के आचार्य जो लिखे वो किन्तु ये कम आप चालू करिए,प्रमाण पत्र लेना न भूलिए। हमने इनके मार्गदर्शन के मुताबिक जहा जहा कार्यक्रम व्यसन मुक्ति के लिए करते थे,वह से प्रमाण पत्र लेना शुरू किया। आज मेरे पास 350 प्रमाण पत्र संस्थाओ मे कार्यक्रम करने की लिए प्राप्त हे.
5 सितंबर 2008 मे जब मुख्य मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी पोरबंदर गरीब कल्याण मेले मे आए थे तब इनहोने हमे सर्किट हाउस मे बुलाकर सम्मान किया। मेरे गुरु प्राचार्य डॉ ईश्वरभाइ भर्डा साहब का मार्गगार्शन हमे बहुत ऊंचाइया पर ले गया। इनकी प्रेरणा से हमने ये व्यसन मुक्ति का कार्य आज भी चालू रखा हे। हमे मुख्य अतिथि के रुपमे कवर्धा छतीसगढ़ ग्रंथ मुनि कॉलेज मे उपस्थित रहनेका अवसर प्राप्त हुआ।
पोरबंदर की शूलो मे छोटे छोटे बच्चे फकी यानि की तंबाकू वाला पैन मसाला खाते थे। कोई कोई शिक्षक मित्रा भी ये खाते हुए देखा तो हमने यही दिशा मे कार्य शुरू किया। हमरे गुरु एक अच्छे मार्ग दर्शक मिलने से हमे बहुत ही मान सम्मान मिला। पोरबंदर संदीपनी आश्रम के गुरु रमेशभाई ओझा ने हमे गुरु पुर्णिमा के दिन इनके गुरुकुल मे बुलाया। हमे शिक्षको साथ सम्मान दिया। वे प्रतिवर्ष गुजरात के उम्दा 15 शिक्षको को सम्मानित करते थे। किन्तु इसबर हमे भी इनहोने निमंत्रण दिया था। हमारे पास गुरुजी रमेशभाई जब आए तो हमने सवाल किया की हमे क्यू बुलाया गया हे,हम तों शिक्षक नहीं हे। तब इनहोने बताया की आप का कार्य तो शिक्षक से भी ऊंचा हे। ये सभी सम्मान मेरे मार्गदर्शक डॉ भर्डा साहब को आभारी हे। हम सेवा निवृत हो गए हे किन्तु वे हमे हमेशा याद करते हे,हमे मार्ग दर्शन करते हे। हमारे घर भी आते हे। हम एक बार हमारे पूरे परिवार के साथ पोबंदर गए ठेतों इनहोने हमे आग्रह करके इनके घर बुलाया,हम नहीं गए तो वे सामने से हमे लेने आए,हमे इनके घर स्वादिष्ट भोजन कराया और एक कार मनवाकर हमे पूरे पोरबंदर मे परिवार के साथ घुमाया॥आज भी इंका मार्ग दर्शन हमे प्राप्त होता हे। हम इस गुरु के चरणों मे वंदन करते हे। क्यूँकि आज पूरे भारत मे और विदेश में हमें एक नई पहचान इनके बदौलत मिला हे।
धन्यवाद