Dr. Gulabchand Patel

Inspirational

4.5  

Dr. Gulabchand Patel

Inspirational

व्यसन मुक्ति की मिशाल श्री गुलाब चंद पटेल

व्यसन मुक्ति की मिशाल श्री गुलाब चंद पटेल

6 mins
423


गुजरात कमिश्नरऑफ़ स्कूल ऑफिस पुराने सचिवालय डॉ जीवराज मेहता भवन गांधी नगर से से मेरा तबादला 2007 में महात्मा गाँधी की जन्म भूमि पोरबंदर जिल्ला डायट ऑफिस में हुआ तब पहली बार परिवार को छोड़कार दूर जगह पर नौकारी करने के लिए जाने का प्रथम अवसर था। हमे मन में डर था कि केसा होगा पोरबंदर? क्यो कि उसके पहले कभी पोरबंदर जाने के लिए मौका मिला नहीं था। पोरबंदर की विशेषता के लिए हमे जानकारी तो थी लेकिन उसे देखने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ था। मेरे मन में एक डर घुस गया था। हमे चिंता होने लगी थी। मेरे परिवार में सभी ने बताया कि राजीनामा याने की नौकारी छोड़ दो। स्वेच्छिक रिटायरमेंट ले लो। लेकिन हमने सोचा कि अभी काफी समय है। जगह होनेसे अपना तबादला गांधीनगर हो ही जाएगा। लेकिन मेरी पत्नी ने कहा कि मे एक बार देखलू की जगह केसी है। खाना कहा होगा। रहने के लिए क्या व्यवस्था है। हम पोरबंदर पहुचे। वहा रामबा बी एड कॉलेज में गेट के पास दो कमरे में ऑफिस था। वहा एक सीनियर क्लार्क बैठा था। हमने जेसे ऑफिस में प्रवेश कर ने के लिए सीढ़ी पर पेर रखा उसने उसी समय पूछ लिया कि आप की सरनेम क्या है? हमने पटेल बताया तो आगे कुछ बोला नहीं। वहा रामबा कॉलेज के प्राचार्य डॉ आई ए भरड़ा जी चार्ज समाल रहै थे उनसे मिले और अपना रिपोर्ट दे दिया। उन्होने कहा कि आप अब घर वापस जाइये और अपनी व्यवस्था कर के दो दिन बाद आइए। हमने कॉलेज में स्टूडेंट्स की साथ कॉलेज किचन में जाकर खाना खाया और सर्किट हाउस में रेस्ट रूम में चले गए और रात को लक्जरी बस में सफर कर के अहमदाबाद में पहुचे और निगम की बस में गांधीनगर पहुचे। मेरी पत्नी ने कहा कि जगह अच्छी है। रहनेकी और खानेकी सुविधा उपलब्ध है इस लिए आप पोरबंदर ऑफिस में अपनी ड्यूटी पर रह सकते हैं। डॉ भरड़ा का स्वभाव सरल था। वो विद्वान थे और pramanik थे उनके साथ काम करने से बहुत अच्छा लगा। उन्होने हमारे कविता लिखने के गुण के लिए हमे प्रोत्साहित किया। इसलिए काव्य संग्रह हिंदी ગુજરાતી में पब्लिश कर सका। हमने पोरबंदर के लिए भी कविता लिखी थी। उसका विमोचन पोरबंदर के कलेक्टर श्री एम बी परमार के कर कमलोसे किया गया।

5 सितंबर 2008 को रामबा कॉलेज के विधार्थी गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का ऑन लाइन कार्यक्रम हमारी ऑफिस में देख रहै थे। वह विधार्थी ओ ने अलग अलग तौर पर संकल्प लिया कि जेसे हम पांच अन पढ़ को पढ़ाएंगे। पांच पेड़ लगाएंगे। आदि। उस समय सरकारी नौकरी में जो कर्म चारी थे उन्है भी स्वर्णिम गुजरात के उत्सव के लिए संकल्प लेकर अपना योगदान अपने देश और राज्य के लिए देना था लेकिन किसी ने संकल्प नहीं लिया तो हमने संकल्प लिया कि हम व्‍यसन मुक्ति कार्य करेंगे। आदरणीय राष्ट्र पिता महात्मा गांधी के वाइब्रेशन मेरे पास आए और हमने विधार्थी ओ के लिए व्‍यसन मुक्ति कार्य क्रम करने की शुरुआत की। तो हमारे प्राचार्य डॉ भरड़ा सर ने हमे पूछा कि तुम केसे व्यसन मुक्ति कार्य क्रम करेंगे। तुम्हैं व्‍यसन मुक्ति का व भी नहीं आता है। लेकिन प्रभु क्रूपा से हमने व्‍यसन मुक्ति के लिए कविता लिखी। स्लोगन बनाए। प्रेजेंटेशन भी तैयार किया गया। दो किताब भी व्‍यसन मुक्ति के लिए लिखी गई और उसे पबलीसर ने पब्लिश भी किया गया। वो है स्वर्णिम संकल्प और चलो व्‍यसन मुक्त स्कूल कॉलेज का निर्माण करे। मेने इस लिए यह काम चुना था कि वहा सौ राष्ट्र के इलाके में छोटे छोटे बच्चे भी तंबाकू वाला मसाला खाने के लिये आदि थे। हमारे कॉलेज के रसोया जोशी जी ने कहा कि आप कहा कार्य क्रम करके आए? तो हमने बताया कि केंदीय विद्यालय में। तो उन्होंने बताया कि क्या सबूत है। हमने बोला कि आप उनसे पूछ लीजिए कि हमने कार्य क्रम किया है कि नहीं। तब जोशी जी ने कहा कि आप जिस स्कूल या कॉलेज में व्‍यसन मुक्ति कार्य क्रम करते हैं वहा से लिखित में लेटर लें लेना चाहिए। क्योंकि नहीं तो कोई मानने वाले नहीं हैं कि आपने कार्य क्रम किए हैं। हमने उनकी बात को लेकर लेटर लेना शुरू कर दिया। आज हमारे पास 350 से अधिक सर्टिफिकेट है कि हमने स्कूल में और कॉलेज में व्‍यसन मुक्ति के कार्य क्रम किए हैं। 7000 से अधिक संकल्प पत्र भी लिए गए हैं।

2009 को जब गरीब कल्याण मेले के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जी पोरबंदर आए थे तब उनके स्वागत के लिए मे सेंट मेरी स्कूल के बच्चों के साथ बाजे के साथ खड़ा था तब चौपाटी पर मेरे फोन पर गांधीनगर से मुख्य मंत्री के कार्यालय से पी ए कैलाश नाथ के पांच फोन आये। मेरा फोन शांत मोड़ पर था लेकिन वाय ब्रांट होने से पता चला कि किसी का फोन आ रहा है। हमने थोड़े दूर जाकर बात की तो बताया कि आपको मुख्य मंत्री नरेंद्र मोदी जी बुला रहै हैं। तुम्हैं उनसे सर्किट हाउस में जाकर मिलना होगा। मे घबरा गया। मेरे ऊपरी अधिकारी भी चॉक गए। क्यू बुलाया होगा। ऑफिस का कोई प्रश्न होगा या क्या होगा। नरेंद्र मोदी जी जब रेत शिल्प का उद्घाटन करके सर्किट हाउस में पहुचे तो हम उन्है मिलने के लिए पहुचे। मोदी जी ने हमे सम्मानित किया। और बीड़ी बाई की जान गीत गाने के लिए कहा। हमने गीत सुनाया और वो बहुत खुश हो गए। उनकी साथ अभी जो केंद्रीय मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला जी है उनसे भेट कराइ गई। हमे सर्टिफिकेट भी दिया गया। हमे बोला कि आप आगे बढ़ो। हम तुम्हारे साथ है।

उनसे हमे अधिक प्रोत्साहन मिला। हम बाद में सभी हमारे ऑफिस के साथियो के साथ खाना खाने गए। सभी खुश हो गए। हमे तो बहुत ही खुशी हुई।

19 जनवरी 2010 को हमारा जन्म दिन था। उस दिन हमने तैयार कराए गए व्‍यसन मुक्ति के कैलंडर का विमोचन हमारी जिला शिक्षा अधिकारी ऑफिस पोरबंदर मे भानु प्रकाश स्वामी के कर कमलोसे करवाया गया।। गुरु पूर्णिमा के दिन पूजनीय कथाकार श्री रमेश भाई ओज़ा ने हमे शॉल और पुष्प माला अर्पित कर के संदीपानी आश्रम पोरबंदर मे सम्मानित किया गया। उसके बाद नेशनल ग्रुप एसोसिएशन नागपुर द्वारा "मौलाना अबुल कलाम आजाद अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। दिनांक 7 दिसम्बर 2010 में गांधीनगर कल्चर फोरम के कार्य क्रम में चौधरी कॉलेज में पूजनीय कथाकार मोरारी बापू के कर कमलोसे मेरी दो किताबे जो व्यक्ति मुक्ति के लिए लिखी गई है उसका विमोचन किया गया। मननीय गवर्नर ऑफ गुजरात के डॉ कमला बेनी वाल के हाथो से धरती रत्न अवॉर्ड 5000 रुपये की धन राशि के साथ प्रदान किया गया। शिक्षा मंत्री श्री रामनलाल वोरा ने भी हमे सम्मानित करके प्रमाण पत्र एनयत किया।

व्‍यसन मुक्ति अभियान से हमे बहुत खुशी मिल रही है। आज हम उस कार्य को 10 सालो से चला रहै हैं।

हमारे राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जब कहा कि एसा कौन सरकारी अधिकारी है जो एसा उम्दा कार्य क्रम कर रहै हैं। उस दिन को याद करते हुए आज भी हमे खुशी होती है। 2009 को मुख्यमंत्री जी से प्रेरक सबद। प्रेरक प्रसंग आज भी मेरे लिए एक यादगार दिन के रूप में हमे प्रोत्साहित कर रहा है।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational