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Dr. Gulabchand Patel

Drama Action

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Dr. Gulabchand Patel

Drama Action

्‍मकुना

्‍मकुना

3 mins
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जंगल में एक गड्ढ़े में हाथियों की टोली में एक हथिनी ने बच्चे को जन्म दिया उसका बच्चा मकुना, तीन दिन का हुआ था वो काँपता था उसके पैर और पूरा जिस्म हिल रहा था इसलिए ठीक से खड़ा भी नहीं रह सकता था

हाथियों की टोली में करीब 50 हाथी थे नदी के किनारे हाथियों की टोली रोजाना शाम के समय नदी के मोड़ से आगे बढ़ता था हिमालय सदा काल ठीक का है, ज्यादा ठंड होती है ऎसा अपना ख्याल है लेकिन उस दिन ज्यादा ताप था हाथियों की काले जिस्म वो सह नहीं सकते थे गर्मी से बचने के लिए टोली ऊंचे सिल्वर ओक नाम के पेड़ के नीचे छाँव में विश्राम कर ने लगा


शाम हुई थी यकायक मौसम बदल गया काले बादल उमड़ आये, तपन सूखे पवन की जगह ठंडा वाला पवन चल रहा था देखते देखते बारिश टूट पड़ी

वह छोटा मकुना थोड़ी देर पहले धूप से तंग आ चुका था अब वो ठंड से काँपने लगा और प्रेम पाने के लिए अपनी माँ के चारों पैर के नीचे पेट के करीब छुप गया गर्मी मिलने से उसे अच्छा लगा, बिजली चमक रही था अंधेरी रात में पल पल दिन जैसा चमकीला हो जाता था इस नए अनुभव से मकुना को मजा आ गया वे सभी तीस्ता नदी के किनारे थे उन्हे पता नहीं था कि जब नदी में बाढ़ आती है, तब यह जगह टापू बन जाती है नदी दोनों किनारे बह रही थी पानी आने से टापू बन गया, ठंडे पानी में जब हाथियों के पैर डूबने लगे तब वो सभी चिंतित हो गए


अंत में जब बारिश बंद हुई, छोटा मकुना डूब न जाए इस लिए उसे बड़े हाथियों के बीच रखा गया था हठी और हथिनियां ठंड से सिकुड़कर बैठे थे सब सुबह की राह देख रहे थे थोड़ी देर बाद ठंडी हवा में बदबू आने लगी हाथियों की आंखे तेज होती है, लेकिन नासिका इससे भी ज्यादा तेज होती है कुछ बदबू का एहसास होते ही हाथी क्रोधित होकर सूंढ़ ऊंची करके हवा में आती हुई बदबू को पहचानने की कोशिश कर रहे थे वो दुश्मन की बदबू थी, कौन था वो शत्रु?

प्रातः काल में एक अप्रिय मेहमान डूबता हुआ आया तो हाथियों की टोली चौंक गई वो अजनबी एक तेंदुआ था वो तेंदुआ शिकार की खोज में तेज प्रवाह में बाढ़ मे फंसा था तेंदुआ तेजी से मकुना की ओर आगे बढ़ रहा था मकुना ने चीख निकाली टोली में खलबली मच गई मकुना ने हिम्मत इकठ्ठी कर के जैसे तेंदुआ करीब आ पहुचा कि तुरंत उसे कुचल डालने के लिए हमले की तैयारी कर ली तेंदुआ शेर की तरह होता है, तेंदुआ ने हाथियों की टोली देख कर वो अपना बचाव खोजने लगा एक बड़े पेड़ के नीचे छिप गया, लेकिन हाथियों की टोली में मकुना की मम्मी हथिनी थी उसने तेंदुआ को कुचल दिया और अपने मकुना को अपने गले लगाया


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