Ruchi Singh

Abstract

4.5  

Ruchi Singh

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बहू मोटी है

बहू मोटी है

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"अरे जीजी .... बहू ममता को क्या हुआ? शादी में तो बिल्कुल ठीक थी। अब मैंने इसको 3 साल बाद देखा, इतनी मोटी कैसे हो गई है?


"विमला .... चुप करो अभी सुन लेगी तो उसे खराब लगेगा।" सरला जी धीमे से बोलीं।


" पर जीजी ... यह तो बिल्कुल अम्मा जैसी लग रही है। हमारा मानव देखो कैसा स्मार्ट सा लगता है। लग नहीं रहा है कि एक बच्चे का बाप है और ममता---" कहकर विमला मौसी हंस दी। " और हां ... मैंने आपसे पहले ही कहा था कि देख समझकर शादी करना। शादी मे देखा इसकी मां भी तो मोटी थी ना ... तो उन्हे ही पड़ गई होगी।" दोनो बहने फुसफुसाते हुए बात करती रहीं। 


सरला जी हंस कर बोली "अरे हां पर मेरे मानव के लिए लड़की कहां मिल रही थी और अपना घर का बच्चा तो सभी को अच्छा लगता है मेरा मानव भी तो बहुत साँवला है। और अब तो उसके बाल भी कम हो रहे हैं। ममता की बडी बहन कहाँ मोटी हुई। सबकी अपनी- अपनी बनावट होती है।"


विमला मौसी अपनी बहन सरला के घर बरेली से कुछ दिनों के लिए रहने के लिए आई हैं। शाम को ममता को देखी, तब तो कुछ ना बोली। रात में सोते समय अपने मन की बात सरला बहन से कह रही हैं। 


सरला जीजी विमला मौसी को बताती हैं "शादी के कुछ महीने बाद से ही इतनी मोटी हो गई। बेचारी ममता ने जिम भी ज्वाइन किया था। जॉब के साथ सारा काम भी करती थी पर फिर भी पतली नहीं हुई और उसके बाद प्रेग्नेंट भी हो गई। तब तो सब छूट गया। आप फिर से आयुष को 1 साल पूरा होने के बाद उसने जिम जॉइन कर लिया है। लेकिन कोई भी असर नहीं हो रहा।" दोनों बहनें बात करते-करते सो गई।


 अशोक जी और सरला जी का एक ही बेटा मानव सॉफ्टवेयर इंजीनियर लंबा ,स्मार्ट, और थोड़ा डार्क कॉम्प्लेक्शन का व बहू ममता जोकि सुंदर लम्बी, भरे पूरे शरीर वाली वह भी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। जोड़ी ठीक लगी तो शादी कर दी गई। 


 अगले दिन विमला मौसी जल्दी उठ गई। सरला जी उनके लिए चाय बना कर लाती है। 


अरे जीजी, "ममता नहीं उठी।" 


"नहीं ...रोज तो उठ जाती है पर आज संडे है ना। इसलिए देर से उठती है। रोज तो जल्दी उठना ही पड़ता है। अब 1 दिन तो आराम करेगी। फिर बच्चा भी छोटा है।"


ममता उठते ही ...."गुड मॉर्निंग मासी जी"


" गुड मॉर्निंग बेटा"


 ममता सबके लिए बहुत ही अच्छा नाश्ता बनाकर सबको कराती है। फिर बोली "मौसी जी आप अपने कपड़े दे दीजिए मैं मशीन में धोने को डाल देती हूँ ।" 


ऑफिस के अलावा ममता को जितना भी समय मिलता था । वह और लोगो के साथ -साथ विमला मौसी का भी बहुत ध्यान रखती है। उनकी खातिरदारी मे लगी रहती।विमला मौसी और सरला जी दोनों बहू के ऑफिस जाते ही घर के काम खत्म कराकर बच्चे के साथ खेलती हैं और उसको संभालती हैं। खूब गप्पे भी लडाती हैं।1 दिन दोपहर में दोनों आराम कर रही थी। तभी विमला मौसी बोली, " जीजी 100 किलो की तो होगी ना"


" कौन"


" अरे, अपनी ममता" 


 " शायद हां ..अब बेचारी उसमें उसका क्या दोष है? वैसे ही खाती है जैसे हम लोग खाते हैं। अब उसके शरीर में ज्यादा लगता है तो वह क्या करें। हमारी तरह वह भी सुबह-शाम दो-दो रोटी ही खाती है। पर बेटे मानव को और आयुष को ना लगकर सब उसी को लगता है तो उसमें उसकी क्या गलती है। पर .... विमला ममता है बहुत प्यारी। कितना ध्यान रखती है सबका। मेरे को भी मोटी लड़कियां बिल्कुल पसंद नहीं थी, पर अपनी गोलू मोलू ममता मुझे बहुत पसंद है। शरीर की बनावट रंग रूप तो भगवान की देन है। अब हम लोग को ही देख लो, हम लंबे नहीं हैं। पर क्या कर सकते हैं। जैसा भगवान ने बना दिया। वैसे ही रहेंगे ना। शादी के समय रंग रूप को तो देख सकते हैं। अब बाद में कोई मोटा हो जाए तो वह क्या करें। सबसे बड़ी बात है कि वह स्वस्थ रहे। कोई बीमारी ना हो। पतली हो या मोटी कोई बात नही। ममता का व्यक्तित्व बहुत अच्छा है। वह सबका ध्यान रखती है। सबसे घुलमिलकर रहती है। आफिस मे भी उसके काम की बहुत तारीफ है।"


"हां जीजी यह बात तो आप सही कह रही हैं। वाकई ध्यान तो वह बहुत रखती है। मैंने देखा उसको और तुमने पहले भी फोन पर बताया था।"


 बात करते -करते शाम को 5:00 बज जाते हैं। ममता ऑफिस से आ जाती है। आते ही मुंह हाथ धोकर सबके लिए चाय बनाती है। "आइए, मौसी जी व मम्मी जी चाय तैयार है।" तीनों मिलकर चाय पीते हैं और गप्पे लड़ाते हैं।

 



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