"भुतवा क़िला"
"भुतवा क़िला"
गांव के बाहर एक जंगल में बहुत पुराना क़िला है।
वहां गांव के लोग जाने से बहुत डरते हैं।
क्योंकि कुछ लोगों का कहना है कि उस खंडहरनुमा
किले में हर समय ज़ोर ज़ोर से चीखने चिलाने की
इंसानों की आवाजें आती हैं।
लोगों का मानना है कि वहां पर भुत प्रेत योनि
कि प्रेतआत्मांए का डेरा स्थाई निवास है।
परन्तु खंंडहरनुमा किले के पास एक पुराना
शिव मंदिर है।
वहां पर एक सन्त महात्माजी वर्षों से तपस्या कर रहे
हैं।
उन्हें कभी कोई डर परेशानी नहीं होती है।
महात्माजी गांव वालोंं को खुुब समझाते है कि
खंडहरनुमा किले में कोई भुत प्रेत योनि प्रेतऑत्माएं
नहीं रहती हैं।
आप मेेेरी बात का विश्वास यकिन नहींं करते हैं।
तों शिव मंदिर में एक रात्रि कालीन जागरण
कार्यक्रम रखा जाए।
जिसमें पूरे गांव वालों को बुलाया जाएगा।
सभी को यकिन विश्वास हो जायेगा कि
खंडहरनुमा किले में कोई भूत प्रेत योनि कि
प्रेतआत्मांए नहीं रहती हैं।
मैं स्वयं तुम्हारे साथ रात्रि में खंडहरनुमा किले में चल
कर हम हकीकत का पता लगाने कि कोशिश करेंगे।
क्योंकि मुझे लगता है कि यह किसी इंसान कि शरारत
भी हो सकती है।
जो खंडहरनुमा किले पर कब्जा करना चाहता हो।
वहां पर होटल बनाने कि कोशिश कर रहा हो।
ऐसे सच्चे किस्से शहरी क्षेत्रों में खुुुुब सुनने को मिल रहें
हैं।
शहरी क्षेत्रों के लोग पुराने खंडहर नुमा किलो पर
कब्जा कर होटलें खोलने के लिए पहले गांव वालों
में प्रायोजितअफवाह फैला कर डर पैदा करने कि
योजना तैयार करते हैं।
ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग खंडहरनुमा किले पर
कब्जा करने के लिए मना नहीं कर सकें।
उन्हें यह गांव वालों कें खुद केे हित मेंं फैसला लगे।
परन्तु गांव वाले डर के मारें महात्माजी कि बात को
सच मान कर भी रात्रि कालीन जागरण में शामिल
होकर रात्रि में खंडहरनुमा किले में चल कर
हकीकत पता लगाने को तैयार नहीं हुए।
गांव वालों में खंडहरनुमा किले में भुत प्रेत योनि का
भय वैसा का वैसा बना रहा।
इसलिए हम लोग ऐसी झुठीअफवाहों पर ध्यान नहीं दें।
खंडहरनुमा किलो के भूत प्रेत योनिं प्रेतआत्माएं रहतीं हैं।
ऐसी झुठी बातेंअफवाहें हर जगह भी खुब चलती हैं।
हकीकत पता किये बिना हमआंंख मूंद कर विश्वास
नहीं करें।
बुद्धिजीवी वर्ग कि मदद लेकर समस्याओं पर विचार
किया जाए।
आधुनिक युग में ऐसी ग़लत स्थिति स्पष्ट करने कि
आवश्यकता होती है।
जो कि हर प्रकार के लोगों से मदद मांगी जाती हैं।
शायद देश में अफवाहों पर विराम लग सकता है।
हर बात पर गहराई सेअध्ययन किया जाना चाहिए।
देश दुनियां में लोगों को झूठ मूठ बोल कर ठगते हैं।
ऐसे ठगों से सावधान रहने की जरूरत है।
हकीकत सच्चाई साबित करने किआवश्यकता है।