Aditya Neerav

Classics Inspirational

4.7  

Aditya Neerav

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भीख

भीख

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उस दिन मैं घर के कार्यों में व्यस्त था। माँ मेरे लिए नाश्ता बना रही थी तभी मैंने अपने घर के नीचे से आ रही आवाज सुनी मैंने बालकनी से झांक कर देखा तो पाया कि एक बूढ़ा व्यक्ति जो दिव्यांग था। वह सभी के दरवाजे को खटखटा-खटखटा कर भोजन मांग रहा था लेकिन कोई भी उसकी आवाज को नहीं सुन पा रहा था या यूं कहें अनसुनी किया जा रहा था। यह देख मुझे बड़ा अजीब लगा मैंने मां को इस बारे में बताया मां ने कहा जाकर उसे कुछ पैसे और रोटी दे दो।

मैं नीचे गया और बूढ़े व्यक्ति को जब पैसे देने लगा तो उसने मना कर दिया उसने बोला मुझे केवल भूख लगी है मुझे सिर्फ रोटी चाहिए मैंने उसे रोटी-सब्जी खाने को दे दिया लेकिन उसकी ये बात मुझे बड़ी अजीब लगी अक्सर मैंने भिखारियों को पैसा मांगते देखा है। पहली बार कोई सिर्फ भोजन मांग रहा था वह काफी भूखा था उसने मेरी दी हुई रोटी-सब्जी खा ली और पुनः रोटी की मांग करने लगा, चूँकि माँ ने सिर्फ मेरे लिए ही नाश्ता बनाया था रोटी की मात्रा अधिक नहीं थी लेकिन वह काफी भूखा था इसलिए मैंने अपने हिस्से की सारी रोटियां उसे दे दी। जब उसकी क्षुधा शांत हुई तो मुझे लगा मेरा पेट भर गया।

भोजन करते वक्त मैंने उससे पूछा आपकी भाषा इधर की नहीं लग रही है आप इधर कैसे आ गए तब उस बूढ़े व्यक्ति ने बताया पहले मेरी ऐसी हालत नहीं थी मैं केरल का रहने वाला हूं कोलकाता में काम की वजह से आया था कुछ वर्षों तक मैंने काम भी किया लेकिन एक दिन एक्सीडेंट में मेरे दोनों पैर कट गए। तब से मेरे सारे नाते-रिश्तेदार ने मुझ से मुँह मोड़ लिया शायद रब को यही मंजूर था यही वजह है कि आज मैं भीख मांग कर अपना पेट भर रहा हूं।      

और हाँ ईश्वर सब देखता है अगर वह नहीं देख रहा होता तो आज मैं सभी के दरवाजे को खटखटाया लेकिन कोई बाहर नहीं आया और तुमने मुझे ऊपर से ही देख कर आवाज दी रुकने के लिए और स्वयं नीचे आ गए। उनकी सारी बातें सुनकर मेरा मन भर आया मैंने बोला आपको जब भी भूख लगे आप यहां आ जाया करना वह बोले मैं रोज-रोज एक ही घर से मांग कर नहीं खा सकता क्या पता किसी दिन वह मुझे भगा दे ऐसे भी एक जगह पर बार-बार जाने पर प्रतिष्ठा घट जाती है। इससे अच्छा है घूमकर ही मैं मांगा करूं ऐसी बात सुनकर मुझे लगा कि भीख मैंने दिया या उसने मुझे ... क्योंकि उसने जिंदगी से जुड़ी सच्चाई को बतलाया जो कभी भी किसी के साथ घट सकती है उसे जाते हुए देख मैं खुद को ठगा सा महसूस कर रहा था।      


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