बेटियां
बेटियां


बारिश में छाते की तरह होती है बेटियां
माँ-बाप अगर दुखी हैं तो रोती है बेटियां।
टूटे हुए खिलौनों से खेला करती है
मगर शिकायत नहीं करती है बेटियां।
पूरे परिवार का ध्यान रखती है बेटियां
फिर भी न जाने क्यों कहते हैं।
दुनिया वाले बोझ होती है बेटियां
जब कि हर हाल में मुस्कराती है बेटियां।