Reetu Singh Rawat

Abstract

4.7  

Reetu Singh Rawat

Abstract

बेटियां

बेटियां

1 min
23.9K


बारिश में छाते की तरह होती है बेटियां

माँ-बाप अगर दुखी हैं तो रोती है बेटियां।


टूटे हुए खिलौनों से खेला करती है

मगर शिकायत नहीं करती है बेटियां।


पूरे परिवार का ध्यान रखती है बेटियां

फिर भी न जाने क्यों कहते हैं।


दुनिया वाले बोझ होती है बेटियां

जब कि हर हाल में मुस्कराती है बेटियां।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract