Kunda Shamkuwar

Abstract Others Tragedy

4.6  

Kunda Shamkuwar

Abstract Others Tragedy

बेगाने रिश्ते

बेगाने रिश्ते

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कल रात गाँव मे फ़ोन पर बहन से बात हो रही थी। पता चला की विमल के पति नही रहे। कुछ अर्से से वह बीमार चल रहे थे।

बहन कहने लगी, "विमल के साथ बुरा हुआ।एक तो उसने पचास पचपन की उम्र में शादी की। चार पाँच साल में ही यह सब हुआ।" मैंने कहा, "अब काफ़ी रात हुयी है, कल मैं उससे बात करूँगी।"

विमल गाँव मे हमारी पड़ोस में रहती थी।फ़ोन रखने के बाद मुझे सब याद आया जब विमल की शादी हुयी थी। विमल के पति के पहली शादी के दो बच्चें थे और दोनो ही शादी शुदा थे जिनकी अपनी दुनिया थी। बाबा की शादी के बाद दोनों बच्चों की बाबा से दूरियाँ बढ़ने लगी। 

विमल की शादी बड़ी उम्र की शादी थी। वह इस नयी जिंदगी में ढ़लने की कोशिश करने लगी। पति विमल को बहुत प्यार करते थे। विमल की जिंदगी मज़े से चलने लगी। पती को घूमने का शौक था।कभी वह उसे यहाँ शहर में घूमाते तो कभी विदेश लेके जाते।

सबेरे सारे काम से फुर्सत पाने के बाद मैंने विमल को फ़ोन किया। पति के बारें में बात करते हुए विमल संजीदा थी। वह अभी पति के शहर में ही है। पति के बाद प्रॉपर्टीज के मसलें सुलझाने के बाद ही वह मायके में आयेगी।मैंने कहा, यह भी ठीक है। पति के रिश्तेदारों का तुम्हारे साथ कैसे चल रहा है? बातचीत वगैरह होती है? मेरे इस सवाल पर वह कहने लगी, "पति थे तो थोड़ा बहुत आना जाना था। अब कुछ नही है।

For them I am no where...

For them I do not exist... 

उसकी आवाज में पीड़ा थीं। मैंने भी भारी मन से उससे विदा ली और फ़ोन रख दिया।

रिश्तों की इस दुनिया में पल में रिश्तें बदलते हैं। पल भर में कोई अपना हो जाता है तो कोई बेगाना....


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