रंजना उपाध्याय

Drama

5.0  

रंजना उपाध्याय

Drama

बच्चों का बच्चों से कम्पटीशन

बच्चों का बच्चों से कम्पटीशन

4 mins
503


सरला बहुत मिठाई लेकर घूम रही हो। क्या बात है बड़ी खुश नजर आ रही हो।

अरे शिमला लो मिठाई खाओ मेरे मुन्नू ने अपनी क्लॉस में पहला स्थान लाया है।

अच्छा जी!लाओ बहुत खुशी की बात है।

अच्छा शिमला तुम्हारा बेटा भी तो शायद 10 वीं में ही था। जी सरला क्या बताऊँ ओ तो पढ़ता ही नहीं।

शिमला ने मिठाई तो खा ली लेकिन घर के अंदर आते ही अपने बेटे विपिन को खूब डांट लगाई।

देखा न आज कैसे मटक मटक कर मिठाई खिला रही थी। आज उसका मुन्नू अपने स्कूल में पहला नम्बर लाया है।

मेरा बेटा सिर्फ टीवी, मोबाइल पैसे अच्छे कपड़े चाहिए बस और क्या

अबकी बार तुम पहला नम्बर नहींं लाये तो देख लेना। तुम्हारी माँ न बहुत कुछ कर सकती है।

तुम्हारा पॉकेट मनी रोक दूँगी। टीवी, मोबाइल, कपड़े कुछ भी नहीं मिलेगा। मैंने तय तुम्हारी कोचिंग क्लास भी लगवाई थी। लेकिन क्या मिला कुछ भी नहीं।

अरे ! तू तो मेरा नालायक बेटा है। तुमसे तो उम्मीद करना भी बेकार है। मैं तो बहुत थक गई हूं।

विपिन चुपचाप घर से निकल गया। बाहर निकलते ही उसका दोस्त राघव मिल गया।

अरे विपिन तुम्हारी माँ क्यों इतना डांट रही थी। अरे राघव क्या बताऊँ ?

मेरी मां की न बहुत गन्दी आदत है। किसी का बच्चा फ़र्स्ट डिवीजन पास हुआ तो भी परेशान। फेल हुआ तो भी परेशान। पास हुआ और मेरे घर मिठाई का डिब्बा लेकर कोई पहुच गया कि मेरा बेटा या बेटी फ़र्स्ट आयी है।

तो मेरे ऊपर भड़क जाती हैं। मैं क्या करूँ तुम ही बताओ। मैं पढ़ता तो हूँ तुमने भी देखा क्लॉस में हर सब्जेक्ट्स में अच्छा रहता हूँ।

पता नहीं कैसे क्या हो जाता है। कि पेपर के समय मैं हर बार सेकेंड आता हूँ।

मैं पूरी मेहनत करता हूँ। लेकिन मेरी किस्मत साथ नहीं देती। मेरी माँ निहि समझती है।

मैं उन मिठाई वाले अंकल और आंटी से बोलता हूं मेरे घर मिठाई लेकर न आया करें।

इससे मुझे परेशानी होती है। न कोई मेरे घर जाएगा न ही मेरी माँ को पता चलेगा।

हाँ दोस्त सही कहा तुमने विपनी ये अच्छा रहेगा।

वैसे सच बोलूं तो मेरी माँ भी बोल देती है कभी कभी की देखो सारी सुख सुविधाओं का ये असर है।

तुम इसी लिए अच्छे नम्बर नहीं ला पाते हो। हम लोग कैसे कैसे पढ़े थे।

विपिन तुम बुरा न मानो और मेहनत करके पढ़ो। हर माँ यही चाहती है कि उसका बच्चा पढ़ाई में अच्छा हो। अपने बच्चों की तारीफ सुन कर उनको अच्छा लगता है।

चल छोड़ विपिन तू दुखी मत हों। आंटी से मैं बात करूंगा और क्लास वाली बात भी बताऊंगा की आंटी विपिन मेरी क्लॉस का सबसे अच्छा लड़का है।

 विपिन अगले दिन स्कूल गया तो क्लॉस टीचर ने पूछा विपिन क्या हुआ आप बहुत अपसेट दिख रहे हो।

बहुत कोशिश किया मैम ने फिर लंच टाइम में अपने साथ विपिन को बैठाई और पूछने लगी। तब मैम को विपिन ने सारी बात बताई।

मैम ने बोला अपनी मम्मी से बोल देना संडे को मैं तुम्हारे घर आऊंगी। संडे के दिन विपिन की माँ मैम का इंतजार कर रही थी कि तब तक दरवाजे पर गाड़ी खड़ी हुई।

विपिन प्रणाम करके घर के अंदर ले आया। विपिन की माँ बहुत सत्कार किये। मैम का एक मकसद था। विपिन की सच्चाई बताना।

मैम ने बोला विपिन अब तुम बाहर जाओ अपने दोस्तों के साथ खेलो। मै जाउँगी तो तुमसे मिलकर जाउँगी।

सारी बातों को नजर अंदाज करते हुए। विपिन की बात शुरू कर दी मैम ने,मैम आपका बेटा बहुत अच्छा है। उसे आपकी जरूरत है।

आप उसका सपोर्ट करिए। ओ अभी भी आगे बढ़ सकता है। क्लॉस में सबसे अच्छा लड़का है। उसे बस थोड़ी जरूरत है आपकी किसी के बच्चे से अपने बच्चे की बराबरी मत करिए।

हर कोई एक जैसा नहीं होता न ही एक सी सबकी क़िस्मत होती है। उसको खरी खोटी सुनाने से बिगड़ जाएगा। अच्छा बच्चा है आप कहो देंगी।

ख़ैर मैम के समझाने का असर आया। अपने बेटे विपिन को सपोर्ट करने लगी। विपिन को माँ का साथ मिला 12 में अच्छे नम्बर से पास हुआ। अपने स्कूल में टॉप किया। अबकी बारी शिमला जी की थी हर किसी के घर मिठाई का डिब्बा लिए खुशी से पहुच रही थी। सबको बता भी रही थी कि मेरा बेटा विपिन अपने स्कूल में टॉप किया है।

तो दोस्तों हमे किसी के बच्चों से बिल्कुल भी बराबरी नहीं करनी चाहिए। इससे बच्चों पर बुरा असर पड़ता है। एक क्लॉस टीचर के माध्यम से विपिन को अपने माँ का सहयोग मिला और अपनी मंज़िल को पाने का अवसर मिला।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama