मेरे साथ छल!

मेरे साथ छल!

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भव्या की कॉलेज के समय से ही समीर से अच्छी दोस्ती थी। दोनो एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे।अचानक भव्या का परिवार अमेरिका चला गया।


भव्या और समीर फोन से वीडियो कॉल के जरिये काफी देर तक बातचीत करते रहते थे। जो कि भव्या के परिवार वालो को सबको पता था।


इधर भव्या समीर को अमेरिका बुलाने का प्लान बना रही थी।पासपोर्ट अप्लाई कर दी। उधर समीर भव्या को इग्नोर करने लगा। अब भव्या को बहुत ज्यादा बेचैनी होने लगी।


भव्या ने अपने दोस्तों के जरिये पता लगाने की कोशिश की और समीर के घर वालों से भी पता लगाना चाही लेकिन कुछ पता नही चला।


भव्या अपने पापा और माँ के साथ वापस इंडिया आ गयी। माँ ने अपने तरीके से लड़के के बारे में जानकारी इकट्ठा करनी शुरू की तो पता चला कि लड़का केवल भव्या को परेशान करना चाह रहा है। इकलौती बेटी है सारी प्रोपर्टी मेरे नाम कर दें। फिर क्या? फिर तो भव्या का क्या होगा।ओ तो कहीं की नही रहेगी।


माँ तो माँ होती है।अपने बच्चों का बुरा होते कैसे देख सकती है। अब माँ बहुत ही बेचैन थी इसका इतना गन्दा इरादा हो सकता है। मैं इसको कामयाब नही होने दूँगी।


बस एक प्लान बनाया की जितने जल्दी हो सके उतने जल्दी इसका गेम खत्म करें। नही तो जीवन भर दुख देगा। समीर पीछे हटने वालों में से नही है।


अन्तोगत्वा वही हुआ। जिसका डर एक माँ को सताए जा रहा था। समीर ने शादी की जिद कर ली। मजबूर होकर माँ-पिता ने एक हप्ते के अंदर ही एंगेजमेंट कर दी।


लेकिन जो भी प्रॉपर्टी थी उस प्रॉपर्टी से भव्या को बेदखल कर दिया। एक छोटी सी फैक्टरी थी। उससे भी मतलब हर जगह से बेदखल कर दिया।


4 नवंबर 2019 को शादी कर दी।शादी के बाद समीर का असली चेहरा भव्या के सामने आया। जिस समीर के लिए अपने माँ-पिता की बात नही सुनी और सबसे ऊपर होकर शादी के लिए तैयार थी। आज सब असलियत सामने आ ही गयी।


समीर ने भव्या से ओ सारी प्रॉपर्टी के बारे जानकारी लेनी शुरू कर दी। यहां भव्या को कुछ भी नही पता था। कि मुझे माँ पिता ने बेदखल कर दिया है। इस राज से अंजान सब बता डाली जो सब पहले था।


दूसरे दिन ही पग फेरे के लिए भव्या को लेकर भव्या के मायके पहुँच गया। चाय नाश्ता हुआ। उसके बाद भूमिका बनाना शुरू हो गया।


माँ जी आप तो जान ही रही हैं। अभी मेरी कोई नौकरी भी नही है। तो मैं ये कह रहा हूँ कि भव्या के नाम जो प्राॅपर्टी है उसका पेपर मुझे दे दीजिए।


मैं क्या सोच रहा हूँ। वैसे हम दोनों इंडिया में तो नही रहेंगे। उसे बेच कर हम दोनों अमेरिका चले जाये। और वहाँ जाकर अपना एक छोटा सा कोई कारोबार कर लेंगे। जिससे हम दोनों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो।


भव्या की मां ने कहा कि कौन सी प्रॉपर्टी बेटे मैं कुछ समझी नही। तुम किस प्रॉपर्टी के बारे में बात कर रहे हो। कोई प्रॉपर्टी भव्या के नाम नही है।


इतना सुनते ही एकदम गुस्से से लाल तिलमिला उठा। सोफे से उठ खड़ा हुआ। भव्या चलो यहाँ एक दम नही रहने लायक है। देख लिया न अपने माँ-बाप का असली चेहरा अब तुम्हें पता चलेगा। कि तुम्हारे माँ बाप तुम्हें बिल्कुल भी नही चाहते।


इस सब से भव्या भी बहुत परेशान हुई। और माँ से गुस्सा होकर अपने पति समीर के साथ चली गयी। अब रोज रोज परेशान करने लगा समीर यहाँ तक कि एक हप्ते के अंदर हाथ भी उठा दिया।


भव्या को ये नही समझ मे आ रहा है माँ गलत है या मेरा पति गलत है।एक दिन तो समीर ने सारी हदें पार कर दी। रात के बारह बजे भव्या को मारकर घर से बाहर निकाल दिया।


भव्या रोती रही बिलखती रही लेकिन समीर ने ये कहते हुए दरवाजा नही खोला। मैं क्या सोचा था क्या मिला मुझे तू इसी लायक है। भव्या गिड़गिड़ाती रही प्लीज समीर दरवाजा खोल दो मैं इतनी रात को कहाँ जाउँगी।


समीर ने एक न सुनी दरवाजा बंद कर के सोने चला गया। और एक पड़ोसी ने बहुत हिम्मत करके अपने घर मे अंदर बुलाई और सुबह अपने पति के साथ भव्या को उसके माँ के पास पहुँचा दी।


माँ ने अपनी बेटी की हालत देख जोर से चिल्लाने लगी। मेरी बेटी को क्या हो गया। ये किसने तुम्हारी हालत बनाई है। भव्या ने सारी बातें बताई।कि इन लोगों ने ही मुझे बचाया है।


माँ ने बोला बेटा ये है तुम्हारे समीर का असली चेहरा जो तुम्हे समझ मे बिल्कुल भी नही आया। क्योंकि तुम उसके प्रेम में पागल हो गयी थी। जब मुझे पता चला तभी मैं सतर्क हो गयी। तुम्हारे एंगेजमेंट के बाद ही सारी प्राॅपर्टी से तुम्हे बेदखल कर दिया।


मुझे पता था। यही होने वाला है। इसी लिए हमने कुछ भी नही दिया एक दम सिम्पल शादी कर दिया।मुझे भी शौक था। मेरी एक ही तो बेटी थी। शान से शादी करूं। अपने जानने वालों को इज्जत से बुलाऊँ और सबको इज्जत से विदाई करूं।लेकिन मेरा सोचा कहाँ होने वाला है।


बेटा उसे भूल जाओ हम तुम्हारे लिए अच्छा रिश्ता देख कर एक सम्मानित लड़के से शादी करेंगे। मैं तुम्हें खुश देखना चाह रही थी। बस कोई भी माँ हो उसका एक ही सपना होता है कि मेरी बेटी जहाँ भी रहे खुश रहे उसको किसी तरह की कोई परेशानी न आये।


भव्या को यह भूलने में काफी वक्त लगा। फिर एक लड़का माँ को पसन्द आया। उसे भव्या को देखने के लिए बुलाया गया। यहाँ भव्या ने ओ सारी बात बिना झिझक के संकल्प को बता दिया।


भव्या की इस सच्चाई से संकल्प बहुत खुश हुआ और बोला, तुम बहुत ही अच्छी लड़की हो ऐसे लोग हमें बहुत पसंद आते हैं। मैं भी तुम्हारे साथ कभी भी किसी भी प्रकार का छल नही करूँगा। दोनो एक प्रकार से एक दूसरे से संतुष्ट हुए।


शादी के पवित्र बंधन में बंध गए।भव्या भी बहुत खुश संकल्प भी बहुत खुश था। उन दोनों की खुशी देख माँ मन ही मन विह्वल होती थी।


एक माँ एक पिता की चाहत ही यही होती है कि उनके बच्चे हमेशा खुश रहें। किसी के प्राॅपर्टी या धन दौलत से प्यार का झूठा नाटक नही करना चाहिये। आप या हम में से कोई भी हो यदि किसी से प्यार करिए तो सच्चे मन से करिए। और प्रेम विश्वास बनाकर रखें।


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