STORYMIRROR

Shailaja Bhattad

Abstract

4  

Shailaja Bhattad

Abstract

अनुमति

अनुमति

1 min
605

जब प्रिया ने अपने ससुर को उसी की हमउम्र महिला के लिए झुककर अपार्टमेंट का गेट खोलते देखा तो उसका कलेजा मुंह को आ गया। जब उससे रहा नहीं गया तो उसने पास खड़ी अपनी सास से कहा "मम्मी जी जब आप पापा जी को खुद के झूठे चाय के कप उठाने की इजाजत भी नहीं देती हो और ना ही आप ही उठाती हो लेकिन चाहती हो कि हम बहुएँ ही उठाएं तो फिर आपने किसी दूसरी मेरी हमउम्र महिला के लिए गेट खोलने की अनुमति कैसे दे दी ?

क्या अब आप छोटा महसूस नहीं कर रही है"। प्रिया की सास निरुत्तर थी। लेकिन अब प्रिया के कलेजे में ठंडक थी।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract