अम्मा शायद पगला गई है ?
अम्मा शायद पगला गई है ?
आज फिर राधा को वही शक हुआ जिसको मजबूत करने के लिए वो तथ्य जुटा रही थी ।अम्मा की हरकतें बार बार राधा को ये सोचने पर मजबूर कर रही थी कि शायद अम्मा की दिमागी हालत बिगड़ रही है । पिता जी की मृत्यु के बाद अम्मा उनकी याद में आंसू तो अक्सर बहाती थीं। अब उम्र के साथ उमा की जुबान में थरथराहट आ गयी है ।
क्या बोलना चाह रही ,समझना मुश्किल हो रहा है ? वैसे भी राधा को अम्मा की बात कम ही समझ आती है ,और समझ आये भी कैसे ? सारा दिन घर का काम ,अम्मा की देखरेख , बच्चों का काम सब कुछ तो राधा के जिम्मे ही तो है ।राधा के पति और अम्मा के बेटे श्याम अपनी माँ की बहुत सी बातें जान लेते है ।इस बार वो टूर पर बाहर गए है ,उनके पीछे से अम्मा की हरकतें राधा को अजीब लग रही हैं।
दरसल राधा ने पुराने कपड़े बर्तन वाली को देने के लिए रखे हैं।उस बार राधा की कोशिश है कि सारे पुराने कपड़े देकर उसके बदले नए बर्तन ले ले ।उस सामान को देख कर अम्मा अपना गुस्सा राधा पर निकाल रही है । पर बात समझ नहीं आने के कारण राधा को लग रहा है कि अम्मा की दिमागी हालत बिगड़ गयी है ।
पिछले 5 दिन से अम्मा का यही हाल है ।राधा ने जैसे तैसे अम्मा को संभाला है ।
आज श्याम वापिस टूर से घर आ रहे हैं ।उनके आते ही राधा ने अम्मा की हालत के बारे में बताया तो वो सीधे अम्मा के कमरे में उसने मिलने गया ।अम्मा बहुत उदास थी ।पहले तो उसे समझ नहीं आयी ,फिर अचानक उसकी नजर अम्मा के हाथ में पड़ी ।अम्मा पिता जी की फोटो पकड़े बैठी थी ,उसमे पिता जी ने काले रंग का कोट पैंट पहना था ,साथ में अम्मा भी गुलाबी सूट में बैठी थी ।फोटो देख श्याम जान गया कि ये अम्मा की शादी की फोटो है ।अम्मा उस फोटो को देख कर रो रही थी ।
श्याम को आता हुआ देख उसका रोना और तेज़ हो गया ।वो बार बार दूसरे कमरे में इशारा कर रही थी ।श्याम ने वहां जाकर देखा कि राधा ने कपड़ो का ढेर देने के लिए रखा है ,अकसर वो पुराने कपड़ो के बदले बर्तन खरीदती है ।वो बर्तन वाली औरत 2 महीने में एक बार ही आती है ।
पर इससे अम्मा को क्या आपत्ति है ? तभी उसकी नजर उसी काले पैंट कोट पर पड़ी ,जो पिता जी ने उस फोटो में डाला के जो कि अम्मा के हाथ में थी । ओह! इस बार राधा पिता जी का कोट पैंट उस बर्तन वाली को दे रही है क्या ? ये सोच श्याम ने वो कोट पैंट उठाया और अम्मा को देने चल पड़ा ।उस कोट पैंट को देख अम्मा के चेहरे पर चमक सी आ गयी ।अब राधा भी वहां आ गयी थी,उसकी समझ में ये बात आ गयी थी कि अगर हमारे बुजुर्ग़ कोई अजीब हरकत कर रहे हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि उनको कोई दिमागी बीमारी है ,बल्कि हमारी ही कोई बात उनको पसंद नहीं आयी है ।राधा को ये समझ आ गया है कि अम्मा पगला नहीं गयी ,वो ही सठिया गयी है ।अम्मा की कीमती यादों को किसी को देने की कोशिश के गुनाह का पश्चाताप करने के लिए राधा अम्मा की पसंद की खीर बना क़र करने की कोशिश क़र रही है ।
सच में, अगर कोई अपनी मन की बात कहने या अपनी भावनाएं बताने में असमर्थ हो तो उसको पागल ना समझ क़र उसकी भावनाएं समझने का प्रयास करना चाहिए ।

