बेरंग होली 20 साल पुरानी

बेरंग होली 20 साल पुरानी

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भावना को होली के नाम से अब चिढ़ मचती है ! एक समय था ,जब होली उसका पसंदीदा पर्व था ! पर फिर होली वाले दिन एक ऐसा हादसा हुआ कि उसके बाद होली उसके दिल से ही उतर गयी ! दरसल हुआ यूँ कि वो उस समय कॉलेज में पढ़ती थी ! होली की छुटियाँ हुई ! बहुत सी लड़कियाँ अपने घर चली गयी ! पर भावना को ऐसा लगा की घर आने जाने में समय बर्बाद करने से अच्छा हैं कि वो हॉस्टल में रहकर ही अपनी पढ़ाई जारी रखे ! कुछ लड़कियाँ ही हॉस्टल में रह गयी थी ! होली का दिन आ गया ! सब लड़कियाँ सुबह का नाश्ता करके ही फ्री हुई थी ! खाना बनाने वाले धनी राम भैया काम खत्म करके बाजार की तरफ गए और अंदर से एक लड़की को गेट बंद करने को बोल गए ! लड़की ने गेट बंद कर दिया और अपने कमरे में आ गयी ! पर पता नहीं भावना के शैतानी दिमाग में क्या आया ? या फिर यह कहे कि यह कोई विधि का विधान था ने प्रवे श किया और उसका दिल बाहर घूमने को कर गया ! उसने गेट खोल कर बाहर घूमना शुरू कर दिया और फिर घूमने के बाद अंदर तो आ गयी पर अंदर आकर गेट फिर से बंद करना भूल गयी ! तभी तक़रीबन 10 से 15 लड़को की टीम उस खुले गेट से हॉस्टल में दाखिल हो गयी ! सिक्योरिटी वाला भी होली की छुट्टी पर घर गया था ! इसलिए किसी ने उनको रोका भी नहीं ! सारे लड़के मस्ती में चूर थे और शराब पिए हुए थे ! सबसे पहले उन लड़को का हजूम कैंटीन वाली तरफ गया ! सब लड़कियाँ सुबह का नाश्ता कर चुकी थी ,इसलिए उनको वहां कोई नहीं मिला ! फिर वह सब पहले फ्लोर की और बढ़े ! उनको ऊपर आता देख पूजा ने जोर जोर से चिल्ला कर दूसरी लड़कियों को आगाह कर दिया कि वो सब अपने कमरे में ही रहे ,या जो बाहर है ,वो जल्दी से अंदर चली जाएं!पूजा जल्दी से खुद भी एक कमरे में घुस गयी ! जिस कमरे में पूजा घुसी थी ,उसने भावना के साथ 5 लड़कियाँ और भी थी ! दरवाजा सबने अच्छे से बंद कर दिया ! पर अंदर से सब जानती थी कि यह दरवाजे कितने मजबूत हैं? कयोंकि बाहर से जोर से एक लात मारने पर यह दरवाजे खुल सकते थे ! सबने दरवाजे के आगे मेज और कुर्सियाँ लगा दी ! और दरवाजे के पास खड़ी हो गयी ! अब भावना जल्दी से वार्डन को चिल्ला चिल्ला कर बुलाने लगी ,पर पता नहीं वो कहाँ व्यस्त थे कि कुछ सुन ही नहीं रहे थे ! उस समय मोबाइल फ़ोन तो सपना ही थे ! अब सबके मन में एक ही चिंता थी कि इस कमरे में तो हम 5 लोग है ,पर उन कमरों का क्या जहाँ सिफ 1 ही लड़की या 2 लड़कियाँ है ! भावना को अपनी गलती का पछतावा हो रहा था ,पर अब पछताने से क्या फायदा ? तभी उसके दिमाग में एक विचार आया ,वो जोर जोर से बोलने लगी ! उसको ऐसा करता देख दूसरी लड़कियाँ परेशान हो गयी ! पर उसका मकसद यह था कि जब तक वार्डन या धनी राम भैया ना आ जाएं इनको यही पर उलझा कर रखा जाएं! लड़को ने जब बोलने की आवाज सुनी तो वो बकवास करने लगे ! अब लड़कियों ने सोच लिया कि वो दूसरी लड़कियों को बचाएंगी ! सबने जवाब देना शुरू कर दिया ! अब लड़कों ने दरवाज़े पीटने शुरू कर दिए ! लड़कियों की आँखोँ में आँसू थे ! सबने सोच लिया था कि जो होगा देखा जायेगा ! काफी देर तक दरवाजा तोड़ने की कोशिश जब सफल नहीं हुई ,तो वो दूसरे कमरे की और बढ़ गए! एक कमरे में गीता नाम की लड़की जो अकेली ही थी ,वो इतना घबरा गयी कि उसको दिल का दौरा पड़ गया ! पर पता नहीं यह सबकी प्रार्थना का असर था या कुछ और कि धनी राम भैया आ गए ! वो हमेशा अपने साथ एक बड़ा डंडा रखते थे ,जिससे वो बंदरो को भगा सके ,और आज तो इंसानी राक्षस रूपी बंदर आये थे ! भैया ने सबको मार मार कर भगाना शुरू किया ! उनकी आवाज़ सुन भावना, पूजा और दूसरी लड़कियाँ भी आ गयी ! कुछ जल्दी से मिर्ची पाउडर लायी और लड़को को भगाना शुरू कर दिया ! सब लड़के भाग गए थे ! सब अभी बैठे ही थे कि सबको याद आयी कि गीता कहाँ हैं? सब उसके रूम की तरफ भागी ! दरवाजा खटखटाया ! पर कोई जवाब नहीं ! हार कर दरवाजा तोडा गया ! गीता जमीन पर पड़ी थी ,अस्पताल लेकर गए पर उसने तो काफी समय पहले ही दम तोड़ दिया था ! आज 20 साल हो गए उस मनहूस होली को ! पर भावना को आज भी पछतावा है कि काश उस दिन उसने गेट ना खोला होता ? पर उन लड़को को तो शायद यह पता भी नहीं कि होली के नाम पर की गयी उनकी हुल्लड़वाजी ने किसी की जान ले ली थी ! कोई केस नहीं हुआ ,क्योँकि होली के रंग उन लड़को पर इतने गहरे थे कि उनको पहचानना मुश्किल ही नहीं मामुम्क़िन था ! आज 20 साल से हर होली पर भावना गीता की याद में पूरे दिन घर पर ही रहती है ! 20 साल वाली इस बैरंग होली ने भावना की ज़िन्दगी के सारे रंग छीन लिए थे कयोंकि उसके अंदर आज भी डर है ! और किसी के साथ उसने यह डर बांटा ही नहीं! आज भी उसके दिल के एक कोने में गेट बंद ना करने का गम तो है ही ! जो शायद उसके जीते जी तो उसके साथ रहेगा ही ! 


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