पेट की भूख का मज़हब
पेट की भूख का मज़हब
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ईद के पहले होने वाले आखिर जुम्मे की नमाज़ पढ़ने और रोज़ा खोलने के लिए बहुत से लोग मस्जिद में जमा हुए! जब खाने का समय हुआ तो सबको एक पंक्ति में खड़ा होने का इशारा किया गया ! उस भीड़ में खड़ा दो दिन से भूखा राजू कश्मकश में था कि वो ये खाना ले या नहीं ? पर पेट की भूख ज्यादा थी ,इसलिए उसने खाना लेकर खा लिया आखिर पेट तो खाने से ही भरना था , उसको मजहब से कोई सरोकार जो ना था ! अब उसे ईद के खाने का बेसब्री से इंतज़ार था !