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अद्धभुत प्रेम के साक्षी

अद्धभुत प्रेम के साक्षी

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यह कहानी है यश और गौरी की ,पर है बहुत छोटी । दोनों कॉलेज में मिले । आपस में दोनों के विचार मिलने लगे । दोनों एक दूसरे को पसंद करते । खूब बातें करते ,लड़ते ,झगड़ते पर एक दूसरे के बिना रह भी नहीं पाते । अब कॉलेज खत्म होने के बाद गौरी यूनिवर्सिटी में पढ़ने लगी ,और यश का चयन भारतीय सेना में हो गया । गौरी खुश थी कि अब उनकी शादी के लिए दोनों के घर वाले आराम से मान जायेंगे । अपने रिश्ते की बात ना तो कभी गौरी ने कभी अपने घरवालों से की ,ना ही यश ने । यश जल्दी से सबको यह खबर देना चाहता था । पर शायद नियति कुछ और चाहती थी । जब यश की ट्रैंनिंग खत्म हो गयी तो वो छुट्टी पर गौरी से मिलने आया, दोनों रेस्टोरेंट में खाना खाने गए ।पर आज गौरी थोड़ी नाराज़ थी कयोंकि उसने अभी तक अपनी शादी की बात नहीं की थी । उसने यश को जल्दी बात करने को कहा नहीं तो उसे डर था कि उसकी शादी दूसरी जगह ना हो जाए । इतना सुनते ही यश ने मेज से एक कांटा (फोर्क ) उठाया और अपने अँगूठे पर जोर से उसको प्रेस किया , जो थोड़ा सा खून निकला उससे गौरी की मांग भरते हुए बोला ," आज से तुम मेरी पत्नी हुई ,बस शादी करना बाकी रहा ,ताकि समाज के नियम कायदे निभ जाए " । गौरी स्तब्ध थी । निशब्द होकर सोचने लगी कि यह क्या हुआ

? अभी वो कुछ पूछती तभी यश को आर्मी हेडक्वार्टर से फ़ोन आ गया कि "युद्ध के हालात बन रहे हैं ,जल्दी आकर ज्वाइन करो "। यश ने फ़ोन रखते ही गौरी से गले लगते हुए कहा ," मैं जल्दी वापिस आऊंगा,तुमसे शादी का वायदा याद है मुझे "। गौरी ने नम आँखोँ से उसको विदा किया और अपने अगली जिंदगी के सपने संजोने लगी ।

कुछ दिन यश का फ़ोन गौरी को आता रहा ,पर एक दिन ये खबर आयी की दुश्मनों से लोहा लेते हुए भारतीय सेना के 3 अफसर शहीद हो गए ,और उसमे यश का नाम भी था । ये प्रेम कहानी आपको लगता होगा शायद ख़त्म हो गयी । पर जहाँ सच्चा प्यार हो ,वहां बात ही कुछ अलग होती है । गौरी के घरवाले उसको शादी के लिए बोलते रहे ,पर गौरी ने आज दिन तक शादी नहीं की ,पर विडंबना यह थी कि ना तो वो समाज को समझा सकती थी कि मेरी मांग में भी सिंदूर भरा गया था । और कैसे सबको समझाती कि इस अदभुत प्रेम के वो दोनों ही साक्षी थे । आज तक भी वो यह बताने की हिम्मत नहीं जुटा पाई कि वो अब विधवा हो चुकी है । ऐसे ही गौरी ने अपनी ज़िन्दगी यश की यादों ने सहारे काटने का निश्चय कर लिया है । ऐसे पवित्र प्यार को क्या कहा जाये ? सच में है तो ये एक छोटी सी प्रेम कथा पर इसके अंदर के गूढ़ रहस्य को जानना शायद हर किसी के बस की बात नहीं ।


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