अब तो हम भी खेल सकते हैं ..........
अब तो हम भी खेल सकते हैं ..........
एक चाय की थड़ी पर काम करने वाला छोटू और ढाबे पर काम करने वाला राजू आपस में बात कर रहे थे .
राजू ," आजकल तो हमें खेलने को भी मिल जाता है.पहले तो केवल गाली सुनने को और मार खाने को मिलती थी."
छोटू ,"कोई कोरोना आया है."
राजू ,"ये कोरोना जरूर ईश्वर का कोई अवतार है .जिसने हमारे दुखों को दूर करने के लिए जनम लिया है ."
दोनों बाल श्रमिकों के लिए कोरोना का अर्थ था ,कार्य से मुक्ति।
