आसमान अकेला सा

आसमान अकेला सा

1 min
586


घर में रहते हुए मुझे हमेशा ही खयाल आता था कि आसमान से भी ऊँचाई पर जाऊँ। लेकिन फ्लाइट में खिड़की से आसमान और बादलों को देखने के बाद लगा की हमारी धरती सबसे प्यारी है।यहाँ सुख दुख बाँटने के लिए कोई तो है।ऊपर आसमान में तो सिर्फ अकेलापन ही है।

सच में हमारी ये धरती की दुनिया बहुत खूबसूरत,रंगबिरंगी और सुकून से भरपूर है।आसमान है तो विशाल लेकिन हमारे लिए तो एकदम अजनबी और चाँद तारों की भीड़ में भी अकेला सा है....


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract