आज हमारी शादी हैं
आज हमारी शादी हैं
कहानी लिख जाऊं या कविता सुनाऊँ
तुम ही बताओ कैसे अपनी बातें बताऊं
यह किस्सा है सालों के इंतजार का
चलों देखते हैं क्या होता है मेरे प्यार का
मैं उसे बहुत पसंद थी लेकिन
उसकी माॅं को मैं पसंद नहीं थी
बस यही एक वो बात थी
जो हमेशा मुझे खलती रही थी
अब शादी करनी थी हमें पर
उनकी मर्जी के खिलाफ जाना नहीं था
मैंने कहा किसी और से शादी कर लो
क्योंकि रोकने का कोई बहाना नहीं था
बस ऐसे ही साल बीतते गए
मैं उसके और वो मेरे इंतजार मे
ं
लगता था कोई फायदा नही और
कुछ भी नहीं होगा हमारे प्यार में
पांच साल बाद एक दुर्घटना हुयी
अब माॅं की हालत खराब होने लगी
मैं माँ की सेवा कर रही थी तो
वो मुझसे माफी मांग कर रोने लगीं
अपने बेटे को बुलाकर खुद ही
उन्होंने उसके हाथों में मेरा हाथ दिया
हम तो साथ रहना चाहते थे और
इस बार उन्होंने हमारा साथ दिया
आज उनको बड़ा फक्र है मुझ पर
कहतीं हैं मेरी बहू एक शहजादी है
तुम्हें न्योता दे रही हूं जरूर आना
क्योंकि आज हमारी शादी है