फ़्रस्ट्रेट बीवी
फ़्रस्ट्रेट बीवी
आजकल लॉक डाउन का मौसम है, हां, मैं इसे मौसम कहती हूं क्योंकि जैसे बारिश के बाद ठंडी आतीं है वैसे ही हर सुकून की सांस लेने के बाद ही लॉक डाउन हो जाता है।
मैं चेतना, अपने पति और दो बच्चे के साथ इस घर में कैद हो चुकी हूं। दिन भर में तीन बार तो चाय बनानी पड़ती है, दो बार खाना, दो बार नाश्ता, और तो और उसपर इन लोगों की मांगे पूरी करो, घर के काम, झाड़ू - पोछा, बच्चों की ऑनलाइन क्लास इन सब से फुरसत कहां हैं।अगर बच्चों की बात करूं तो उनके अपने नखरे हैं। ये नहीं खाना, पढ़ाई नहीं करना, कभी पिज्जा बनाओ तो कभी इंटरनेट का कोई दूसरा अजूबा चाहिए।
अब असली मुद्दे पर आतीं हूं, मेरे पति ने कल ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था जिसमें वो किचन में सैंडविच टोस्ट बना रहे हैं। लोगों ने क्या खूब तारीफ की, रिश्तेदारों के कॉल आते हैं, "और कहते हैं" वाओ चेतना यू आर सो लकी " " क्योंकि हमारे पति हैं जो बिस्तर से उठते तक नहीं है और तुम्हारे पति तो खाना बनाने में लगे हैं।
तो मैं उन सभी से कहना चाहती हूं, यह तो अच्छी बात है कि आपके पति बिस्तर से उठते नहीं है! कम से कम आप को सुकून से काम करने को तो मिलता है। एक मुझे देख लो जहां सैंडविच टोस्ट बनाते तो वो है लेकिन उसमें डालने के लिए टमाटर, प्याज, काकड़ी सब मुझे काटकर देना पड़ता है, गैस तक मुझे जलाना पड़ता है और वो सिर्फ थोड़ा टोस्ट बनाने के बाद खुद को मास्टर शेफ़ समझने लगते हैं। इसलिए ये कहना तो बंद ही करो कि "वाओ चेतना यू आर सो लकी " उनका एक टोस्ट बनाने में भी वो एक घंटे लगा देते हैं, और अगर खाना देर से मिले तो मुझे ये सुनना पड़ता है कि तुम्हारा काम सिर्फ खाना बनाने का हैं और वो भी वक्त पे नहीं मिलता।
आपकों पता हैं एक दिन बीमार पड़ गई थी, उस दिन में मेरे पति ने खाना बनाया था। आप सोचों खानें में क्या होगा? हां दाल और चावल!
जहां मुझे बार-बार किचन में बुलाकर दाल कितना लगेगा? चावल कितना डालूं? नमक कितना डालना है? इतनी मसक्कत के बाद इन लोगों ने खाना खाया था। दो दिन बाद मैं ठीक हो गई तो घर का जो हाल था वो पूरी तरह बेहाल हो चुका था, कुल २ घंटे लगे थे साफ सफाई करने में।
अगर आप भी उन्हीं मर्दों में से एक है तो कहना चाहती हूं कि सोशल मीडिया पर दिखावा करने से अच्छा है कि बीवी के बगल में खड़े होकर प्यार से बातें करो, छोटे कामों में हाथ बटा लो, और कुछ नहीं कर सकते तो उसकी हिम्मत बढ़ाओ।
याद रखो जो आप कर रहे हो वही आपके बच्चे सीख रहे हैं। आपकी जिंदगी तो जैसे तैसे निकल जाएगी पर आपके बच्चों का परिवार चलाना मुश्किल हो जाएगा।
तुम पत्नी की इज्जत करना सीखो, वो मां की इज्ज़त करना सीखेंगे। तुम अपना घर बनाओं वो आपसे परिवार बनाना सीखेंगे।याद रखो जो आपके घर में हैं वो सिर्फ एक बीवी नहीं, एक मां नहीं, बल्कि वो एक औरत भी है।