आधुनिक युवा
आधुनिक युवा
सुरेश और सुमन भाई बहन है।बचपन से ही अभिभावकों ने ठीक से पालन पोषण किया। सारी लोग इस परिवार को देखकर पूछते क्यों आप लोग प्रतियोगिता के पीछे दौड़ते है? माँ ने जवाब दिया आधुनिक युग में दौड़ना ही पड़ेगा ।तब सुमा के बारे मे इसी तरह बोला था। मेरे बेटी ने कालेज में पहले दिन बहुत डर से गी गई लेकिन अपनी दोस्तों के कारण पढ़ाई पूरी करने के समय दृढसंकल्प से बाहर आई । सुमा कहती है की माँ अब मैं किसी विषय पर इसी समय मंच पर जाकर चर्चा कर पाऊँगी वो ही आज की युवा पीढ़ी की प्रेणाशक्ति है । अगर समाज मे रहने वाले अपने बच्चों को सही ढंग से प्रेरणा किया है तो बच्चे सफल हो पाएँगे। अब मेरा बेटा डाक्टर और मेरी बेटी कलक्टर बन गई। समाज में रहने वाला हर व्यक्ति अपनी मंजिल छू सकते है।सही रास्ता चयन कर किसी को धोखा न देकर हमें अपना काम करना हैं।