Dr.R.N.SHEELA KUMAR

Inspirational

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Dr.R.N.SHEELA KUMAR

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पहड़ी जीवन

पहड़ी जीवन

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पहड़ी जीवन

पात्र :

पिता :राजू

माँ :सुमि

बहन :जानू

भाई :सुमन

स्त्री :लच्चू

बेटा :सूरज

ये आंध्र मे एक ग्राम की कहानी। इस ग्रामीण परिवेश आंध्र का और उड़ीसा की बगल मे होने से उन्ही की संस्कृक्ति भी यहाँ देख सकते है। ग्राम तो बहुत सुन्दर है, एक ओर नागावली का नदी है तीन दिशाओं मे पहाड़ है।

जानू इस ग्राम की एक सिदे परिवार की लड़की है। हर रोज उसकी घर की ऊपर जाकर देखा है तो दूर से पहाड़ मे अग्नि की ज्वाला देख कर माँ से पूछती है की माँ ओ ज्वाला कहा से आती है। माँ तो बताती है की ओ तो पहाड़ मे आदिवासी रहते है उन लोगों रात भर ज्वाला जलाकर विष क्रिमियों और जंगली जानवरों से बचाते है।

तुरंत जानू की भाई सुमन आकर माँ आदिवासी टार्जन की जैसे रहते है क्या पुछा, माँ जवाब दिया की "नहीं बेटा ओ ही हमारी जैसे ही रहेंगे। तू हमारा बाजार मे जो सब्जियाँ बेचने वाले को देखते हैना ओ ही आदिवासी "।ऐसे कहकर पापा तो आगया है दरवाजा खुलो कहकर रसोयी घर मे गुसा.सुमन चिल्लाकर माँ पापा और दादा आगये कहा। जानू की माँ सुमि आईये कहकर दोनों को चाय लेकर दिया। दोनों हाथ मुँह दोकार चाय पिया।

पापा राजू ने सुमन से कहा की आज मेराअफस मे एक स्त्री आई देखने केलिए ठीक से है, लेकिन आदिवासी का स्त्री है अगर तो देखकर बात करो नौकरनी केलिए देखते है न मै तो बोला था आज घर आने केलिए तू देख कर उसे काम पर आने को बतादो कहा।

इसी समय घर का बेल बजा सुमन जाकर दरवाजा खुला। सामने एक स्त्री खड़ा। बाबूजी है घर पर पुछा? सुमन तुरंत जाकर माको बुलाया, सुमि आया और स्त्री को देखकर अंदर आईये कहकर गयी।आपका सुबनाम पूछा जानू मेरा नाम लच्छू दीदी कहा ओ स्त्री जानू तुरंत हसकर आपको मै दीदी है क्या बोलकर अंदर चले गयीं। सुमि घर दिखाकर सारे काम बतादिया बरतन साफ करना है, घर साफ करना और कपडे दोना है कितनी रुपये चाहते है आपको पुछा, तुरंत लच्छू "मेमसाब पैसे देना आप की मर्जी है आप दो वक्त खाना खिलाइये बस मै सारे काम करदूंगा लेकि रात घर चले जावूंगी, मेरा बच्चा अकेले रहेंगे कहा। हसकर आप का घर कहा है पुछा तुरंत लछु ने ऊपर पहाड़ हैना वहाँ ही मेरा घर। सुमन ने आकर क्या आपका घर पहाड़ पर कैसे आते है आप लोग वहाँ से पुछा बच्चे का यह प्रश्न सुनकर हा बाबू हम तो पैदल से ही आएंगे। सुबह पांच बजे हम घर निकले आओ रात सात बजे घर जायेंगे हमारी लोग हर रोज ऐसे ही आएंगे। सुमि तो पुछा आप की जगह पर सडक नही हसि है तो मै तुमको साईकिल देदूंगी तो साईकिल पर आजा कहा। ठीक हसि मेमसाहेब कहकर मै कल से काम पर आऊ पुछा हाँ तू अजा मै कल तुम्हारे लिए इंतजार करूंगी जल्दी आजा। मुझे दस बजे की पहले ऑफिस जाना है। हाँ मेमसाब मुझे मालूम था आप तो आकाशवाणी मे काम करते हैंन। वॉव तुम सब जानकर ही आई तू कहकर हँसा.लच्छू भी हस कर गयी।

सुबह छे बजे लच्छू घर आकर काम पर जुडा। जानू और सुमन लच्छू से खेल कर समय बिताते है। सुमि और राजू काम पर जाने के समय लच्छू से घर और बच्चों को अच्छे देख बाल करो कहा। लच्छू ठीक है मेमसाबकहकर काम करके शाम होगई। सुमि वापस आइ घर सुन्दर डंग से सजाकर रखा था लच्छू। काम पूरा किया और अपने घर जाने केलिए तैयार होकर मेमसाब से पुछा मै घर चलू

सुमि कुछ स्नेक्स लेकर उसके हाथ मे दिया और जाने को बतादिया।

अगला दिन सुबह लच्छू काम पर आया और सुमि तो कहा की आज कपडे दोने केलिए नहीं है इसलिए तू एक काम करो बच्चों को लेकर तुम्हारे घर चलो हम शाम तुम्हारे घर आकर बच्चोंको ले आएंगे। लच्छू क्या है इन बच्चे कैसे इतनी दूर आएंगे कहा मै ड्राइवर को बतादिया आप लोग जीप मे जेइए पूरा काम होने की बाद तू बच्चों की सात चलो कहकर राजू के सात गया. लच्छू के सात जाने के खुशी मे जानू भी काम पर मदद किया सारी काम फटाफट होगाया. तीनों जीप मे बैठकर लच्छू के घर गए..

जानू के जैसे बच्ची ज्यादा है और सुमन के जैसे भी सारे लोग इकट्टा होकर इन बच्चों के सात आकर नाम पुछा आओ आपकी कपडे बहु सुन्दर है कहकर सारी बच्चे खेलने केलिए आया. जानू बहुत खुश थी। सुमन लच्छू की बेटे से कहा की आज तुम्हारा जन्मदिन हैना इसीलिए हम आये कहकर नई कपडे इसके हाथ मे दिया। लच्छू बहुत खुश होगाया आप को कैसे मालूम था पुछा. पापा तो कहा की आज आपके बच्ची की जन्मदिन है इसलिए हम आया. और शाम को पापा और माँ ने केक लाएंगे हम केक काटेंगे आज कहा लच्छू का बेटा सूरज बहुत खुश से कहा की मेरे जिंदगी मे अबतक केक काटना भी नहीं और खाया भी नहीं। तुरंत सुमन ने कहा फ़िकर मत तुम हमारे सात घर आजा तू भी हमारी सात पड़ो अच्छे से पढ़ा है तो अच्छे काम मिलेगा और आप लोग भी हमारी जैसे जी सकते हो।

  शाम पांच बजे होगई सूरज बाहर आकर देख देखकर जाते है अगर सुमि और राजू आएंगे या नहीं, उसके मन मे कुछ प्रश्न उठाथे ही रहते थे.घर के आँगन मे एक जीप आकर

 खड़ा। ओह माँ और पापा आया चिल्लाकर जानू आई। दोनों के हाथ मे कुछ पार्सल है ओ सारी चीजेंम सूरज को दिया। सारे लोग आया था आस पास बच्चे देख देखकर जाते है। राजू बहुत हँसा. लच्चू को बुलाकर सारे लोग हैप्पी बर्थडे गाना गया एयर केक भी काटा. सूरज बहुत खुश था।


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