Dr.R.N.SHEELA KUMAR

Inspirational

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Dr.R.N.SHEELA KUMAR

Inspirational

सकारात्मक सोचना

सकारात्मक सोचना

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एक बस्ती मे राजा नाम एक व्यक्ति था। ओ एम। ऐस। सी पढ़ा लेकिन किसी कम्पनी मे एक महीने से ज्यादा नहीं काम कर पाते। घर पर कुछ तो कुछ गड़बड़ होता है इसलिए बेचारा काम छोड़ता है।

 इसी तरह एक वर्ष बीत गई। राजा का दोस्त सुल्तान एक योजना किया। क्यों हम दोनों मिलकर कोई बिज़नेस कर पायेंगे पूछा। दोनों भी एम। ऐस। सी है इसलिए आम लोगों केलिए कुछ अवसर चीजें हम अविष्कार क़रके लौ बुडजेट और ज्यादा फाइदा मिलनेवाले देना है।

 दोनों मिलकर सोचा ओर फैसला किया की सब्जि का वेस्ट से किसानों का प्रयोग करने का योजना किया और हर घर पर जाकर आप जो सब्जियाँ घर पर उपयोग करते है उसका इससे मिले बेकारे चीजों को घर के सामने एक जगह पर एक गड्डा तोड़ कर इसमें डालिए हम इसी पैसे देकर लेलेंगे कहकर माँगा और जो छोटे छोटे किसानों को काम पैसे पर भेजना शुरू किया। ये योजना सफली कृत हुआ।

 व्यापार विस्तृत करने केलिए राजा और सुल्तान अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से कहाँ कुछ लोग सकारात्मक लिया कुछ लोग नकारात्मक लिया। अंत मे इस व्यापार मे और दस लोगों ने आया और एह बड़ा कंपनी जैसे शुरू किया और हर नगर के फ्लैट पर और विल्ला पर जाकर प्रस्तुत किया। फ्लैट का एसोसिएशनस भी इस को मदद किया ओर देश भर ये काम करना आरम्भ किया।। देश भर किसानों अपने फसल काम खर्च से ज्यादा उगाते थे और आम लोगों को काम पैसे मे सब्जियाँ और चावल और दाल मिलता है।

    राजा और सुल्तान का सकारात्मक योजना से पुरे देश का उद्धारण हुआ। इससे हर युआ सोचने को प्रयास क़रके कुछ तो कुछ नए विषयों ढूंढते हैं। मानव का अवसर ही अविष्कार का एक सीढ़ी। इसलिए सकारात्मक सोचना ही मानव का लक्ष्य है।


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