आभासी दुनिया का प्यार
आभासी दुनिया का प्यार
अभी कुछ ही दिन हुआ था अनुपमा को गौतम की फ्रेंडरिक्वेस्ट स्वीकार किए ,पर लगता गौतम को वो सदियों से जान रही हो। उसकी नारी प्रधान कहानियों की वो फैंन थी। उसका जी चाहता वो काश ....गौतम की तरह कहानी लिख पाती। एक दिन बातों के क्रम में उसने पूछा....
आप किस पेन से लिखते हैं?
बॉलपेन से ....क्यूँ क्या हुआ? गौतम ने पूछा,... जी आप की कलम जादू लिखती है... मुझे आपकी वो पेन चाहिए गौतम!
पेन ही क्यों...ये कहानीकार भी आपका ही है!
गौतम की हँसी गूँज उठी...
प्यार परवान चढ़ रहा था। जीवन में इन्द्रधनुष के हर रंग भर गये थे.... शाम की कॉफी मोबाइल पर ऑफिस की बातें करते होती और देर रात तक भावी जीवन के सपने बुने जाते थे.....
अचानक फेसबुक पर गौतम के दूल्हे के पोशाक वाली तस्वीर उसके किसी रिश्तेदार ने पोस्ट की थी..... नजर पड़ते अनुपमा के सारे सपने पल में आईने से चकनाचूर हो गये। हजारों सवाल मुँह बाये सामने खड़े हो गये। जी में आया उलाहने दे, शिकायत करे... मगर फायदा? इसे बदला नहीं जा सकता... अनुपमा ने वो तस्वीर और एक बधाई संदेश गौतम को मैसेंजर पर भेज दिया... बड़े प्यारे लग रहे हैं, बहुत बधाई!