STORYMIRROR

PRIYANKA YADAV

Drama Romance

4.9  

PRIYANKA YADAV

Drama Romance

ज़रूरतें

ज़रूरतें

1 min
802


अगर स्याही से लिखी जाने वाली

हर कहानी पूरी होती

तो यादों की ज़रूरत ही क्या होती।


अगर ज़िंदगी हर बोझ

खुद ही संभाल लेती।

तो थामने के लिए

हाथों की ज़रूरत ही क्या होती।


अगर ज़िंदगी अकेले जी जा सकती

तो हमें आपकी ज़रूरत ही क्या होती।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama