ज़िन्दगी से इश्क़
ज़िन्दगी से इश्क़


ज़िन्दगी तुझसे इश्क़ है इतना गहरा कि
हम हर तूफान को मुस्कुरा कर सह गये
और मौत की हकीकत से वाकिफ़ होकर
भी उससे बेवफ़ाई की हिमाक़त कर गये
चाहे लाख तानों से घायल हुआ ये दिल
फिर भी सदा चाहा की हम रहें तेरे काबिल
चाहे की तूने वफ़ा या किया तूने छल
हमने तो बस चाहा की तू आकर
फिर एक बार गले मिल
फिर एक बार गले मिल