युवा पीढ़ी
युवा पीढ़ी
छोटी हूँ तो क्या हुआ,
नहीं किसी से कम,
देश का गौरव बढ़ाऊँगी
इतना है मुझ में दम।
बात युवा पीढ़ी की जो आई,
सबने आगे बढ़ने की होड़़ लगाई
कोरी सुंदरता क्या कर पायेगी
मंजिल पे नहीं ले जाएगी,
मन की सच्चाई ही सपनों पर
सच्ची जीत दिलाएगी।
वाणी जिसकी गुड़ जैसी हो
मीठी मीठी रस जैसी हो,
कड़वे बोल कभी ना बोलो
ऐसे युवा ही जग जीते हो
अपनी किस्मत खुद लिखते हो
माता-पिता का मान करें हम
मातृभूमि की सेवा हो
वो युवा कभी ना डरता
सत्मार्ग पर चलता जो ॥
मुख मंडल तेजस्वी होगा
मन जिसका भी स्थिर होगा
काम करने की लगन सदा हो
सही काम देशहित होगा ॥
माता-पिता से कुछ ना बढ़़कर
जो बालक यहीं सोचता है,
वक्त का इस्तेमाल सही करता हो
वही देश का भविष्य होता है।
जो मन में भरकर ना जिये
मन भर कर जीता है
(गौर फरमाइएगा) दौबारा बोलनी
ऊपर वाली पंक्तियाँ...
वही युवा अपने लक्ष्यों का
मीठा अमृत पीता है।
बुरी बात क़ो छोड़ दो,
अच्छाई से नाता जोड़ लो।
भारत का भविष्य हो तुम सब,
जिंदगी को एक नया मोड़ दो।