युद्ध से उद्धार नही
युद्ध से उद्धार नही
युद्ध से कभी होता, कोई उद्धार नहीं
युद्ध से कभी बसता, कोई संसार नहीं
चाहे आप दिखाओ कितनी ही ताकत,
युद्ध से कभी होता, कोई उपकार नहीं
युद्ध कोई नेकी नहीं बस कोरी शेखी है
युद्ध से कभी होता, कभी कोई लाभ नहीं
त्याग दो तुम युद्ध, रूस मानवता खातिर
युद्ध से कभी मिलता, कोई जवाब नहीं
युद्ध से आजतक किसका भला हुआ,
युद्ध कभी भाईचारे को देता, धार नहीं
युद्ध करता कत्लेआम, कोई प्यार नहीं
युद्ध से आती, कोई मुर्दे में जान नहीं
युद्ध से होती, जन-धन हानि, अपार
युद्ध एक श्राप है, कोई वरदान नहीं
आज युक्रेन देश पर हमला हुआ है
चीन भी कहेगा, छोडूंगा ताइवान नहीं
विश्व का सम्पूर्ण इतिहास गवाह है,
युद्ध से मानव सदा तबाह हुआ है
युद्ध कब्रगाह है, कोई स्वर्णगार नहीं
युद्ध से कभी होता, कोई उद्धार नहीं
विश्व मे, रूस के हमले की निंदा है,
यूएनओ भी लाचार होकर शर्मिंदा है
लड़ाई विचारों की करो, मारधाड़ नहीं
लड़ाई से होता, कोई उपकार नहीं
शांतिवार्ता के द्वारा जो हल होता है
वो किसी लड़ाई द्वारा नहीं होता है
इंसानो को बचाओ, तुम अहंकार नहीं
रूस सर्व सोचो, अपना अहंकार नहीं
तुम्हारे युद्ध से, युक्रेन पर कुद्ध से,
महंगाई होगी डायन होगा हाहाकार,
विश्व मे तीसरे युद्ध की होगी आहट
ओर होगा, शांति का कोई निशान नहीं
भुखमरी, गरीबी बहुत ज्यादा बढ़ेगी
कई जगह तो दयनीय हालात होगी
जिंदगी, जिंदगी को देखकर डरेगी
विश्व की अर्थव्यवस्था बहुत गिरेगी
इससे अच्छा है, युद्ध खत्म हो जाये
पर लगता नहीं, अहंकार सत्ता झुकेगी
पर सुने रूस, इससे इंसानियत मरेगी
जगह-जगह तेरी लाशों पर जीत मनेगी
हिरोशमा, नागाशाकी विभीषिका भूले,
फिर कैसे अंगारों पर रह हंसी, चलेगी
होगा विनाश ओर बस साखी विनाश
युद्ध से युक्रेन नहीं मानवता मिटेगी
अपनी ही गलतियों से मानव रोयेगा,
अब कभी खुदा होगा, खुशगवार नहीं
वक्त रहते अगर हम लोग नहीं सुधरे,
फिर न बचेगा, मानव तेरा संसार नहीं
विश्वशांति स्वप्न होगा अब साकार नहीं
रक्तपात से हो, अब कोई स्नान नहीं
सब मिल जाओ, सब लोग जुट जाओ
हिंसा से बसता, कभी कोई परिवार नहीं
युद्ध से कभी होता, कोई उद्धार नहीं
युद्ध छोड़ो, सब अहिंसा से नाता जोड़ो,
बिन युद्ध जीते, बुद्ध बने, कोई शैतान नहीं
बुद्ध जानो, साम्राज्यवादी कोई खाज नहीं।
