यही तो है स्वतंत्रता!
यही तो है स्वतंत्रता!
मुक्त पवन , उन्मुक्त गगन हो,
बन्धन रहित सदा जीवन हो।
सत्ता चयन का हो अधिकार ,
मानवता का प्रसार हो।।
यही तो है स्वतंत्रता।
जिससे जीवन धन्य है बनता।।
हर मेधा का हो सम्मान,
जाति- पाति का मिटे विधान।
हर धर्म जाति का हो सम्मान,
मिलजुल गाएं देश का गान।।
यही तो है स्वतंत्रता।
जिससे जीवन धन्य है बनता।।
देखो, अपने देश को देखो,
संघर्षों से हुआ विहान।
आज़ादी के दीवानों ने,
सहे थे कितने-कैसे अपमान।।
यही तो है स्वतंत्रता।
जिससे जीवन धन्य है बनता।।