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V. Aaradhyaa

Inspirational

4.5  

V. Aaradhyaa

Inspirational

यही सच्चा आचरण है

यही सच्चा आचरण है

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जिनके आंतरिक गुणों से मन सुवासित सुमन है।

ऐसे हर एक इंसान को पूर्ण हृदय से नमन है।।


जहां तक दृष्टि डालिए वहां धूल बना चंदन है।

जिसे छू दिया वह बन गया पारस सा कंचन है।।


सतत और संघर्षरत जीवन भी संतुलित रहे ।

अपने इष्टदेव में लीन हों, तभी आत्मा चैतन्य है।।


पूजा उपासना के विभिन्न प्रकार और रूप हैं।

सत्कर्म के माध्यम जो प्राप्त हो, वह सच्चा धन है।। 


अपने अंतर्मन में खुद की स्थिति जब स्पष्ट है ।

अपनी इंद्रियों को वश में कर सके, तभी गमन है।।


माया, मोह,छल,प्रपंच, से जो सदा बचकर रहे ।

उन पर अपने हृदय के सारे श्रद्धा सुमन अर्पण है।।


मन, कर्म, वचन से जो इष्ट देव का सुमिरन करे ।

अनासक्त भाव से ग्राहय कर सकें,वह पूर्ण समर्पण है।।


मंत्र जाप , हवन, पूजन , एक नामोच्चारण है ।

अपने कर्तव्य का भान हो, यही सच्चा आचरण है।।


©®V. Aaradhyaa



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