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Ajay Singla

Thriller

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Ajay Singla

Thriller

ये कौन चित्रकार है

ये कौन चित्रकार है

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सफ़ेद बादलों के बीच

घोड़ा बना,बिल्ली बनी

आदमी कभी बना तो

पल में एक कार है,

जो है तुमने मन में सोचा

देता जो आकार है

ये कौन चित्रकार है ?


धूप गयी,शाम हुई

सूरज जब ढलने लगा,

लाल लाल लालिमा से

दृश्य शानदार है,

लाल पीले नीले काले

रंगों की फुहार है

ये कौन चित्रकार है ?


दूर उन पहाड़ों पे

उगते हुए सूरज ने

बर्फीली चोटियों को

दिया सोने सा दीदार है,

नजारा ऐसा देखने को

दिल करता बार बार है

ये कौन चित्रकार है ?


इन हसीन वादियों में

भांति भांति फूल खिले,

तितलियों का झुरमुट है

फूलों की बहार है

दूर एक झरना जैसे

सपनों का संसार है

ये कौन चित्रकार है ?


नीले गहरे सागर में

रंग बिरंगी मछलियां हैं,

जहाँ तक नजर है जाती

कितना ये आपार है,

आसमान से पानी मिले

ये कैसा चमत्कार है,

ये कौन चित्रकार है?


आसमां के कैनवस पे

चाँद और सूरज हैं

काली घटा, झिलमिलाते

तारों का अम्बार है,

तस्वीरें कई रंगों से

बदलता बार बार है,

ये कौन चित्रकार है

ये कौन चित्रकार ?







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