ये हाथ
ये हाथ
हाथ और उसकी लकीरें,
सबकी अलग होती है !
भाग्य का ललाट लेख,
सब का अलग होता है !
मेहनत मजदूरी करनेवाले हाथ,
अपने पे भरोसा रखनेवाले हाथ !
मुसीबत के समय याद आते हैं,
मदद करनेवाले हाथ !
मारनेवाले से, बचानेवाले हाथ,
बहुत बड़े होते है !
अपने कर्म से,
दूसरों की किस्मत बदल देते हैं !
दूसरों के खून से भरे हाथ,
अत्याचार में रंगे हुए, दु:शासन के हाथ !
दूसरों की नींद हराम करनेवाले हाथ,
कलह और उन्माद, फैलानेवाले हाथ !
जगविजेता सिंकदर के हाथ,
मरते वक्त खाली थे
कॉफीन के बाहर लटकते हुए !
कहते थे हम को,
ऐ आदमी, मत भाग,
अपने कर्मो से दूर !
एक दिन जाना है तुझे,
सब कुछ छोड़कर !
ये हाथ किसी को सहारा दे,
वृद्ध परिजनों की सेवा करे,
यतीम और मजलुमों के काम आये,
विनम्र होकर, ईश्वर भक्ति में लगे !