सपना टुट गया
सपना टुट गया
बहुत पसंद है मुझे,
खाना भुजिया,
ठान ली थी कब की मैने,
भुजीया बना के खाना..
जैसी बीबी गयी मैके,
दिल बाग बाग हो गया,
मानो मुझे मैदान ,
मारने का मौका
मिल गया था !
बहुत दिनों की आस थी,
अपने हातो से कुछ बनाये,
जाग गया था,
मेरे अन्दर का कुक।
यु ट्युब पर,पहले से ही,
देख के, जानली थी रेसीपी,
सब मिल गया पर,
मिला नहीं चावल का आटा।
फिर एक दूसरी,
देखली रेसिपी दुबारा,
इस बार दुसरे में,
सूजी भी बतायी थी।
सबसे पहले बटाटा लिया,
और छुरी से छील लिया..
और उस के काप करके,
नमक के, पानी में भिगोया।
बेसन और सूजी
मिलाकर पानी डालता गया
जब तक उस की तार,
निकले इतना, पानी मिलाता गया।
नमक,लाल तीखा, हलदी ज़ीरा,
हींग और मिरी मिला ली..
अब कढ़ाई में तेल डाल के,
गैस पर रख दिया।
सब तैयारी होने के बाद,
मोबाईल से सेल्फी लेकर,
बीबी को भेज दी,
उस पर काँमेंट आया
कितना पसारा किया है,
किचन टेबल पर?
हुकूम आया, साफ करो,
डाँट थी,पर वाहवाही नहीं थी,
मेरा मन खट्टा हो गया...
फिर मैंने गैस चालु किया।
तेल उबलने लगते ही,
बेसन के मिक्चर में काप ,
डालकर फिर उसे,
कढ़ाई में छोड़ता गया।
अचानक सर..र आवाज
आने लगी, एक बटाटा काप,
तो जल गया,
पर बाकी अच्छे थे,
पर एक काला पडते ही,
मैने गैस स्लो कर दिया..
पहला फाया अच्छा निकला,
वो पहले खाने को,
ना बोलनेवाले,
मेरे पुत्र ने तुरन्त गटकाये।
फिर मै और काप ,
बेसन में भिगो के डालता गया।
पर कुछ गलती का,
आभास हो गया मुझे,
बेसन मिक्चर और
काप, इक दुसरे को,
बाँध के रखे ना,
दिल भारी हो गया मेरा
और बड़े दुखी मन से,
तले हुए बटाटा के काप,
ही खाने पड़े मुझे,
और मेरे कुक होने का
सपना,सपना ही,
रह गया...।